

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि भारत जल्द दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। उन्होंने इसका श्रेय जन धन योजना को दिया, जिससे करोड़ों लोग बैंकिंग से जुड़े। उन्होंने वित्तीय समावेशन को भारत की प्रगति का आधार बताया।
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा
New Delhi: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शनिवार को इंदौर में एक अहम कार्यक्रम के दौरान बड़ा बयान देते हुए कहा कि भारत बहुत जल्द दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने इस उपलब्धि का श्रेय प्रधानमंत्री जन धन योजना को देते हुए कहा कि इस योजना ने देश के आर्थिक विकास को नई दिशा दी है।
यह बयान ऐसे समय पर आया है जब देश में टैरिफ को लेकर वैश्विक अस्थिरता बनी हुई है, लेकिन इसके बावजूद भारत की जीडीपी ग्रोथ चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 7.8% रही है। यह पिछले पांच तिमाहियों में सबसे तेज ग्रोथ है और यह दर्शाता है कि भारत की अर्थव्यवस्था बाहरी दबावों के बावजूद मजबूती से आगे बढ़ रही है।
भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा का बड़ा बयान
संजय मल्होत्रा इंदौर के रंगवासा गांव में आयोजित 'संतृप्ति शिविर' को संबोधित कर रहे थे, जो कि वित्तीय समावेशन को लेकर एक विशेष अभियान है। इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा, 11 साल पहले केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक ने मिलकर प्रधानमंत्री जन धन योजना की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य देश के अंतिम व्यक्ति तक बैंकिंग सेवाएं पहुंचाना था। आज इस योजना के तहत 55 करोड़ से अधिक खाते खोले जा चुके हैं।
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उन्होंने आगे बताया कि इन खातों के माध्यम से लोगों को न केवल बचत की सुविधा मिली, बल्कि उन्हें बीमा, पेंशन, ऋण और सरकारी लाभ सीधे उनके खाते में प्राप्त होने लगे हैं। इस वित्तीय समावेशन ने समाज के हर वर्ग को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया है।
कार्यक्रम में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के चेयरमैन सी. एस. सेटी भी मौजूद थे। उन्होंने भी जन धन योजना की उपलब्धियों की सराहना की और इसे देश के आर्थिक परिवर्तन का एक बड़ा कदम बताया।
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हाल ही में प्रधानमंत्री जन धन योजना ने अपने 11 साल पूरे किए हैं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि यह योजना केवल बैंक खाते तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसने लोगों को अपना भाग्य खुद लिखने की शक्ति दी है। उन्होंने कहा कि जब अंतिम व्यक्ति वित्तीय रूप से सक्षम होता है, तो पूरा देश एक साथ आगे बढ़ता है।
जन धन योजना की शुरुआत 28 अगस्त 2014 को की गई थी। इस योजना के अंतर्गत जीरो बैलेंस पर खाता खुलवाया जा सकता है, जिसमें ओवरड्राफ्ट सुविधा, बीमा कवर और अन्य लाभ शामिल हैं। योजना का उद्देश्य था कि देश के हर नागरिक को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ा जाए और उसे सरकारी योजनाओं का प्रत्यक्ष लाभ मिल सके।
भारत की लगातार तेज आर्थिक विकास दर, मजबूत बुनियादी ढांचे और व्यापक वित्तीय समावेशन को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि भारत निकट भविष्य में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के बिल्कुल करीब है।