पूर्व RBI गवर्नर उर्जित पटेल की IMF में वापसी, कार्यकारी निदेशक पद पर मिली बड़ी जिम्मेदारी

भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर डॉ. उर्जित पटेल को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में कार्यकारी निदेशक (ईडी) नियुक्त किया गया है। भारत सरकार ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। यह जिम्मेदारी उन्हें तीन वर्षों के लिए सौंपी गई है।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 29 August 2025, 11:13 AM IST
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New Delhi: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर डॉ. उर्जित पटेल को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में कार्यकारी निदेशक (Executive Director) नियुक्त किया गया है। भारत सरकार की कैबिनेट नियुक्ति समिति ने उनकी नियुक्ति को स्वीकृति प्रदान की है। यह नियुक्ति तीन वर्षों के लिए या अगले आदेश तक, जो पहले हो, प्रभावी रहेगी।

तीन दशक बाद की वापसी

डॉ. पटेल की यह नियुक्ति ऐसे समय पर हुई है जब वर्तमान कार्यकारी निदेशक कृष्णमूर्ति वी. सुब्रमण्यम का कार्यकाल अनपेक्षित रूप से छह माह पहले ही समाप्त कर दिया गया है। IMF में यह पटेल की लगभग तीन दशक बाद वापसी है। वे पहले भी IMF से जुड़े रह चुके हैं और 1992 में नई दिल्ली में डिप्टी रेसिडेंट रिप्रजेंटेटिव के रूप में कार्य कर चुके हैं।

डॉ. उर्जित पटेल का शैक्षणिक बैकग्राउंड

केन्या में जन्मे डॉ. उर्जित पटेल की शैक्षणिक पृष्ठभूमि बेहद सशक्त रही है। उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन से बीएससी, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से एम.फिल और येल यूनिवर्सिटी से पीएचडी प्राप्त की है। इस मजबूत शैक्षणिक आधार ने उन्हें वैश्विक आर्थिक नीतियों को गहराई से समझने और उन्हें प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने में सक्षम बनाया।

आरबीआई गवर्नर के रूप में कार्यकाल

डॉ. पटेल ने 2016 में रघुराम राजन के बाद RBI के 24वें गवर्नर के रूप में कार्यभार संभाला था। उनका कार्यकाल कई महत्वपूर्ण आर्थिक निर्णयों के लिए जाना जाता है, जिनमें 8 नवंबर 2016 को हुई नोटबंदी एक प्रमुख निर्णय था। हालांकि दिसंबर 2018 में उन्होंने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए आरबीआई गवर्नर पद से इस्तीफा दे दिया। उस समय सरकार और आरबीआई के बीच कुछ मुद्दों को लेकर मतभेद भी चर्चा में रहे थे।

रणनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण नियुक्ति

यह नियुक्ति रणनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। वर्तमान समय में भारत ने पाकिस्तान को IMF द्वारा दिए जा रहे बेलआउट पैकेज को लेकर चिंता जताई है। भारत का कहना है कि यह आर्थिक मदद आतंकवाद या अन्य अवांछनीय गतिविधियों के लिए प्रयोग की जा सकती है। ऐसे में उर्जित पटेल की IMF में मौजूदगी, भारत के भूराजनीतिक और आर्थिक हितों की प्रभावी रक्षा में सहायक हो सकती है।

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