

देश के चर्चित कथावाचक अनिरुद्धाचार्य इन दिनों विवादों और लोकप्रियता दोनों का केंद्र बने हुए हैं। जहां एक ओर उनकी कथाओं की लोकप्रियता आसमान छू रही है, वहीं हालिया विवादित बयान के चलते वे आलोचनाओं का भी सामना कर रहे हैं। आइए जानते हैं उनकी कमाई, जीवनशैली और सामाजिक कार्यों के बारे में विस्तार से।
कथावाचक अनिरुद्धाचार्य
New Delhi: देश में अगर आज किसी धार्मिक कथावाचक की सबसे अधिक चर्चा है, तो वह हैं कथावाचक अनिरुद्धाचार्य। सोशल मीडिया पर उनकी लोकप्रियता दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। उनकी हर कथा का कोई न कोई वीडियो इंटरनेट पर वायरल होता ही रहता है। हाल ही में उन्होंने लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर एक विवादित टिप्पणी की थी, जिसने उन्हें लोगों के निशाने पर ला खड़ा किया है। इस टिप्पणी को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।
लेकिन इन सबके बीच आम जनता के मन में यह सवाल भी उठने लगे हैं कि अनिरुद्धाचार्य की आय का स्रोत क्या है, वह कितनी कमाई करते हैं और उनका रहन-सहन कैसा है।
कमाई का तरीका और मासिक आय
अनिरुद्धाचार्य की आय का मुख्य स्रोत धार्मिक प्रवचन और कथाएं हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह एक दिन की कथा के लिए 1 लाख से लेकर 3 लाख रुपये तक चार्ज करते हैं। वहीं, सात दिनों की भागवत कथा के लिए वह 10 से 15 लाख रुपये तक लेते हैं। इसके अलावा वे विभिन्न धार्मिक आयोजनों और इवेंट्स में भी भाग लेते हैं, जिससे उनकी कमाई में इजाफा होता है।
उनकी मासिक कमाई लगभग 45 लाख रुपये तक मानी जाती है। इतना ही नहीं, वे यूट्यूब से भी अच्छी-खासी आय अर्जित करते हैं। उनके यूट्यूब चैनल पर लाखों फॉलोअर्स हैं, जो उनके हर प्रवचन को सुनने के लिए बेसब्री से इंतजार करते हैं।
नेटवर्थ और खर्च
अनिरुद्धाचार्य की कुल संपत्ति यानी नेटवर्थ लगभग 25 करोड़ रुपये के आसपास बताई जाती है। वे ना सिर्फ कमाते हैं बल्कि दान पुण्य के कार्यों में भी आगे रहते हैं। वृंदावन स्थित उनके आश्रम "गौरी गोपाल आश्रम" में लोगों के रहने और खाने की निःशुल्क व्यवस्था की जाती है। इसके साथ ही वह कई गौशालाओं का भी संचालन करते हैं, जहां उनकी कमाई का एक बड़ा हिस्सा खर्च होता है।
सोशल मीडिया पर प्रभाव
सोशल मीडिया पर अनिरुद्धाचार्य के फॉलोअर्स की संख्या लाखों में है। उनके वीडियो न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी देखे जाते हैं। हालांकि, हालिया विवाद के बाद उनके खिलाफ कुछ आलोचनाएं भी देखने को मिली हैं, लेकिन इससे उनकी लोकप्रियता में कोई खास गिरावट नहीं आई है।