

22 सितंबर से लागू GST 2.0 रिफॉर्म का लाभ उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंच पा रहा है। मंत्रालय को अब तक 3 हजार से ज्यादा शिकायतें मिल चुकी हैं। सरकार अब AI और CBIC की मदद से सख्त निगरानी और कार्रवाई में जुटी है।
GST में राहत के बावजूद महंगे दाम
New Delhi: केंद्र सरकार द्वारा 22 सितंबर, 2025 से लागू किए गए GST 2.0 रिफॉर्म का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाना था, लेकिन इसका लाभ आम जनता तक नहीं पहुंच पा रहा है। उपभोक्ता मामलों के सचिव निधि खरे ने सोमवार को प्रेस को जानकारी दी कि राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (NCH) को अब तक 3,000 से अधिक शिकायतें मिल चुकी हैं, जिसमें उपभोक्ताओं ने आरोप लगाया है कि खुदरा विक्रेता टैक्स कटौती के लाभ को कीमतों में नहीं दिखा रहे हैं।
जीएसटी 2.0 के तहत भारत के इनडायरेक्ट टैक्स सिस्टम को सरल और उपभोक्ता हितैषी बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया। इस नई व्यवस्था में केवल दो स्लैब (5% और 18%) रखे गए हैं, जिससे कई रोजमर्रा के सामान जैसे शैंपू, साबुन, टूथपेस्ट, बेबी प्रोडक्ट्स और डेयरी आइटम्स पर टैक्स कम किया गया।
प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
सरकार का अनुमान था कि इससे खुदरा बाजार में दाम घटेंगे और आम उपभोक्ता को राहत मिलेगी। लेकिन हकीकत में ऐसा होता नहीं दिख रहा है।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने इन शिकायतों को गंभीरता से लिया है और कार्रवाई के लिए उन्हें CBIC (केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर व सीमा शुल्क बोर्ड) को भेजा जा रहा है।
निधि खरे ने बताया कि कुछ व्यापारी टैक्स कटौती के लाभ को छिपा रहे हैं और भ्रामक बिलिंग के जरिए उपभोक्ताओं को गुमराह कर रहे हैं। इसके खिलाफ सरकार ने AI और चैटबॉट जैसी तकनीकों का उपयोग शुरू कर दिया है ताकि समय रहते धोखाधड़ी की पहचान की जा सके।
उन्होंने कहा, हमारे पास लगातार शिकायतें आ रही हैं कि कई रिटेलर्स पुराने रेट्स के हिसाब से बिलिंग कर रहे हैं, जबकि जीएसटी रेट कम हो चुकी है। यह सीधा-सीधा उपभोक्ता हितों का उल्लंघन है।
दो टैक्स स्लैब: केवल 5% और 18%
घरेलू उत्पादों पर टैक्स में कटौती
हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर 0% जीएसटी
सिन गुड्स जैसे तंबाकू, सिगरेट पर 40% टैक्स
इस रिफॉर्म का लक्ष्य था कि आम आदमी को कम दामों में जरूरी सामान उपलब्ध हो, लेकिन मध्यवर्ती विक्रेताओं द्वारा लाभ को रोकने के कारण उपभोक्ताओं को इसका सीधा फायदा नहीं मिल पा रहा है।
सरकार अब उन व्यापारियों पर शिकंजा कसने की तैयारी में है जो टैक्स में कटौती के बावजूद उपभोक्ताओं को पुराने रेट पर सामान बेच रहे हैं। सीबीआईसी को निर्देश दिया गया है कि वह तेजी से मामलों की जांच करे और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
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उपभोक्ताओं से भी अपील की गई है कि वे अपने बिल की जांच करें और किसी भी तरह की अनियमितता होने पर राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन 1800-11-4000 या NCH वेबसाइट पर शिकायत दर्ज करें।