

22 सितंबर से देश में नया GST 2.0 लागू हो गया है। आम आदमी को साबुन, डायपर और ब्रेड जैसी चीजों पर राहत मिली है, जबकि तंबाकू, कोल्ड ड्रिंक और लग्जरी गाड़ियां हुईं महंगी। टैक्स के इस नए ढांचे का असर सीधे जनता की जेब पर दिखेगा।
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New Delhi: देशभर में नवरात्रि के शुभारंभ के साथ ही 22 सितंबर से जीएसटी 2.0 (GST 2.0) का नया ढांचा लागू हो गया है। यह टैक्स सुधार आम आदमी की जेब पर दोहरा असर डालने वाला है। जहां एक ओर साबुन, शैंपू, ब्रेड, बेबी डायपर जैसी रोजमर्रा की वस्तुएं सस्ती हो गई हैं, वहीं दूसरी ओर सिगरेट, गुटखा, महंगी गाड़ियां और कोल्ड ड्रिंक्स जैसी वस्तुएं पहले से कहीं ज्यादा महंगी हो गई हैं।
• 5% टैक्स दैनिक उपयोग की आवश्यक वस्तुओं पर लगाया गया है।
• 18% टैक्स सामान्य वस्तुओं और सेवाओं पर लागू रहेगा।
• 40% टैक्स केवल कुछ चुनिंदा ‘सिन गुड्स’ और लग्जरी आइटम्स पर लगाया गया है।
1. सिगरेट, गुटखा, तंबाकू
इन उत्पादों पर पहले 28% टैक्स लगता था, लेकिन अब इसे 40% कर दिया गया है। इससे सिगरेट, गुटखा और तंबाकू उत्पादों की कीमतों में भारी वृद्धि हो गई है।
2. कोल्ड ड्रिंक्स और एनर्जी ड्रिंक्स
कोक, पेप्सी, थम्सअप जैसे कार्बोनेटेड और कैफीन युक्त ड्रिंक्स पर भी अब 40% टैक्स देना होगा। पहले यह 28% था। इसका मतलब है कि अब एक कोल्ड ड्रिंक की बोतल करीब 10-15 रुपये तक महंगी हो जाएगी।
3. हैवी इंजन वाली गाड़ियां और बाइक्स
• पेट्रोल कारें (1200cc से ज्यादा)
• डीजल कारें (1500cc से ज्यादा)
• बाइक्स (350cc से ऊपर)
इन वाहनों पर भी 40% जीएसटी लागू कर दिया गया है। इसका मतलब है कि महंगी गाड़ियों और बाइकों के शौकीनों को अब अपनी जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी।
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4. लग्जरी आइटम्स और प्राइवेट व्हीकल्स
महंगी घड़ियां, आर्टिफिशियल जूलरी, प्राइवेट एयरक्राफ्ट, स्पोर्ट्स बोट्स और कोक-लिग्नाइट जैसे उत्पादों पर भी 40% टैक्स लगेगा।
हालांकि GST 2.0 का एक सकारात्मक पहलू भी है। सरकार ने रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाले दर्जनों सामानों पर टैक्स में कटौती की है, जिससे आम आदमी को कुछ राहत मिलेगी।
1. साबुन, शैंपू, मंजन, रेजर
इन चीजों पर पहले 18% टैक्स लगता था, जिसे घटाकर अब 5% कर दिया गया है। इससे इनके दाम 10-15% तक कम हो गए हैं।
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2. बेबी डायपर और आफ्टर-शेव लोशन
बेबी प्रोडक्ट्स पर टैक्स कम होने से नवजात शिशुओं के माता-पिता को बड़ी राहत मिलेगी। आफ्टर-शेव, परफ्यूम आदि भी अब पहले की तुलना में सस्ते मिलेंगे।
3. ब्रेड और डेयरी प्रोडक्ट्स
ब्रेड को अब जीरो टैक्स कैटेगरी में रखा गया है, जबकि मक्खन और घी पर टैक्स दरों में कटौती हुई है। इससे रोज की खरीदारी में कुछ रुपये की सीधी बचत होगी।