

रक्षाबंधन से पहले सोने और चांदी के भाव में बड़ी तेजी आई है। बुधवार यानी आज 6 अगस्त को सोना फिर से महंगा हुआ है, साथ ही चांदी में भी उछाल देखी गई। जानिए प्रमुख शहरों में ताजा रेट और तेजी की वजह।
प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
New Delhi: रक्षाबंधन से पहले देश में सोने-चांदी की कीमतों में जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है। बुधवार यानी आज 6 अगस्त को सोने की कीमत में 600 रुपये की बढ़त दर्ज की गई। इसका मुख्य कारण वैश्विक बाजार में निवेशकों का रुझान सोने की ओर बढ़ना और डॉलर के मुकाबले रुपये का कमजोर होना बताया जा रहा है।
देश की राजधानी दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार और कई अन्य राज्यों में 24 कैरेट सोने का रेट 1,02,000 रुपये के पार पहुंच गया है। वहीं, 22 कैरेट सोना भी 93,860 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर कारोबार कर रहा है।
आज केवल सोना ही नहीं, बल्कि चांदी के दामों में भी बड़ी तेजी देखी गई है। देश के प्रमुख शहरों में 1 किलोग्राम चांदी का भाव 2,200 रुपये की तेजी के साथ 1,15,100 रुपये तक पहुंच गया है। यह बढ़ोतरी भी निवेशकों के बदले रुख और वैश्विक घटनाक्रमों के असर से जुड़ी मानी जा रही है।
वैश्विक निवेश का रुझान: अमेरिका में ब्याज दरों में संभावित कटौती और कमजोर जॉब डेटा के चलते निवेशक शेयर बाजार से हटकर सोने में निवेश कर रहे हैं।
डॉलर के मुकाबले कमजोर रुपया: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर रूस से तेल खरीद को लेकर दबाव बनाए जाने से रुपये में गिरावट आई है, जो अब 88 रुपये प्रति डॉलर तक पहुंच गया है। कमजोर रुपये की वजह से आयात महंगा हो गया है, जिससे सोने की कीमत में उछाल आया है।
प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
अंतरराष्ट्रीय घटनाओं का प्रभाव: वैश्विक भू-राजनीतिक घटनाएं और अमेरिकी नीतियों के असर ने भी सोने की कीमत को ऊपर की ओर धकेला है।
6 अगस्त 2025 को प्रमुख शहरों में सोने के दाम (प्रति 10 ग्राम)
शहर 22 कैरेट (₹) 24 कैरेट (₹)
दिल्ली 93,860 1,02,380
मुंबई 93,710 1,02,230
चेन्नई 93,710 1,02,230
कोलकाता 91,400 1,02,230
जयपुर 93,860 1,02,380
नोएडा 93,860 1,02,380
गाजियाबाद 93,860 1,02,380
लखनऊ 93,860 1,02,380
बेंगलुरु 93,710 1,02,230
पटना 93,710 1,02,230
बता दें कि भारत में सोने की कीमत कई कारकों पर निर्भर करती है जैसे-
भारत में सोने की मांग पारंपरिक रूप से शादियों, त्योहारों और धार्मिक आयोजनों में ज्यादा होती है, इसलिए कीमतों में उतार-चढ़ाव आम लोगों को सीधे तौर पर प्रभावित करता है।