वकील राकेश किशोर ने क्यों फेंका जूता CJI गवई पर? जानें पूरी घटना और विवाद की सच्चाई

सुप्रीम कोर्ट में वकील राकेश किशोर ने चीफ जस्टिस बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की, लेकिन यह जूता केवल उनके पैर तक पहुंचा। घटना का कारण एक विवादित टिप्पणी थी, आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

Updated : 7 October 2025, 12:25 PM IST
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New Delhi: सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक अजीबोगरीब घटना घटी, जब वकील राकेश किशोर ने चीफ जस्टिस बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की। हालांकि, सौभाग्य से जूता केवल उनके पैर तक ही पहुंचा और चीफ जस्टिस गवई को कोई शारीरिक नुकसान नहीं हुआ। इस घटना ने भारतीय न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुँचाई, और इसने कोर्ट परिसर में हंगामा मचा दिया। घटना के दौरान राकेश किशोर चिल्ला रहे थे और उनकी नाराजगी स्पष्ट थी।

कब और क्यों घटी घटना?

यह घटना सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की नियमित सुनवाई के दौरान घटी, जब राकेश किशोर ने अचानक चीफ जस्टिस बीआर गवई की ओर जूता फेंकने की कोशिश की। इस घटना ने अदालत में उपस्थित लोगों को हतप्रभ कर दिया। हालांकि, चीफ जस्टिस गवई ने पूरी तरह से शांति बनाए रखते हुए इस आक्षेप को नजरअंदाज किया और कहा, "मुझे इस तरह की घटनाओं से कोई फर्क नहीं पड़ता। आप लोग अपनी दलीलें जारी रखें।" इस घटना के बाद, कोर्ट स्टाफ ने राकेश किशोर को पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया।

वकील राकेश किशोर कौन?

राकेश किशोर, जो दिल्ली के मयूर विहार इलाके में रहते हैं, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के एक रजिस्टर्ड सदस्य हैं। उन्होंने 2009 में दिल्ली बार काउंसिल में नामांकन कराया था। उनके पास सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन, शाहदरा बार एसोसिएशन और दिल्ली बार काउंसिल के सदस्यता कार्ड भी थे। उनके इस कृत्य से सुप्रीम कोर्ट में एक भयंकर अशांति फैल गई और यह पूरी घटना भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में एक काले अध्याय के रूप में दर्ज हो गई।

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जूता फेंकने की वजह?

राकेश किशोर के जूता फेंकने की वजह एक विवादास्पद याचिका से जुड़ी थी। यह याचिका मध्य प्रदेश के खजुराहो में स्थित जवारी मंदिर में भगवान विष्णु की सात फुट ऊंची मूर्ति की पुनर्स्थापना से संबंधित थी। 16 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए इसे एक 'प्रचार हित याचिका' करार दिया।

चीफ जस्टिस गवई ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा था, 'यह पूरी तरह से प्रचार हित याचिका है। जाइए और स्वयं भगवान से कुछ करने के लिए कहिए। यदि आप भगवान विष्णु के प्रबल भक्त हैं तो प्रार्थना कीजिए और थोड़ा ध्यान भी कीजिए।'

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट

गवई की यह टिप्पणी कुछ हिंदूवादी संगठनों को बेहद आपत्तिजनक लगी और उन्होंने इसका विरोध किया। सोशल मीडिया पर भी इस पर व्यापक बहस शुरू हो गई। इन संगठनों का आरोप था कि चीफ जस्टिस ने धार्मिक भावनाओं का अपमान किया है। इसी विवाद के बीच राकेश किशोर ने यह कृत्य किया।

राकेश किशोर के कृत्य के पीछे की असली वजह?

राकेश किशोर के इस कृत्य के पीछे मानसिक तनाव और निराशा भी हो सकती है, क्योंकि उनका धार्मिक भावनाओं से गहरा जुड़ाव था और सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से वे आहत हो गए थे। हालांकि, उनका यह कदम पूरी तरह से गलत और आपत्तिजनक था, जिसने भारतीय न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुँचाई। उनके खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है, और आगे की जांच की जा रही है।

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इस घटना का क्या प्रभाव?

इस घटना से भारतीय न्यायपालिका में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। न्यायपालिका की स्वतंत्रता और सम्मान बनाए रखने के लिए अदालतों में अधिक सतर्कता और सुरक्षा की आवश्यकता महसूस की जा रही है। इस घटना ने न केवल भारतीय न्यायपालिका को शर्मसार किया, बल्कि यह देश भर में एक गंभीर बहस का विषय बन गया है।

हालांकि, चीफ जस्टिस गवई ने पूरी घटना को शांति से संभाला और इसे अपने काम में कोई विघ्न नहीं पड़ने दिया, फिर भी यह घटना न्यायपालिका के लिए एक चेतावनी है कि सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाए। राकेश किशोर का यह कदम न केवल उनके व्यक्तिगत मानसिक तनाव का परिणाम था, बल्कि यह भारतीय न्यायपालिका के प्रति एक असम्मानजनक कृत्य भी था।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 7 October 2025, 12:25 PM IST