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बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को मिली भारी जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही अटकलों के बीच हम पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि नीतीश कुमार ही अगले मुख्यमंत्री होंगे। हम अध्यक्ष संतोष सुमन ने कहा कि पूरा जनादेश नीतीश के नेतृत्व की देन है और एनडीए में किसी तरह का भ्रम नहीं है। वहीं महागठबंधन और राहुल गांधी पर तीखे हमले भी बोले।
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Patna: बिहार विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को मिले प्रचंड जनादेश के बाद अब राज्य के अगले मुख्यमंत्री को लेकर राजनीति गरमा गई है। सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक इस मुद्दे पर अटकलें जारी हैं। हालांकि, सहयोगी दल हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) ने स्थिति को स्पष्ट करते हुए साफ कहा है कि नीतीश कुमार ही अगले मुख्यमंत्री होंगे और मुख्यमंत्री पद को लेकर एनडीए में किसी तरह का मतभेद नहीं है।
हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री संतोष कुमार सुमन ने कहा, “जीत जब नीतीश कुमार के नेतृत्व में मिली है तो मुख्यमंत्री भी वही बनेंगे। इसमें किसी तरह की असमंजस या भ्रम की स्थिति नहीं है।” वे मीडिया में उठ रहे सवालों और भाजपा नेतृत्व की चुप्पी को लेकर हो रही चर्चाओं पर प्रतिक्रिया दे रहे थे।
संतोष सुमन ने दावा किया कि एनडीए की भारी सफलता नीतीश कुमार के पिछले 20 वर्षों के सफल नेतृत्व की देन है। उन्होंने कहा कि बिहार ने विकास, कानून-व्यवस्था और सामाजिक सुधारों के क्षेत्र में जो उपलब्धियां हासिल की हैं। वह नीतीश सरकार के प्रयासों का ही परिणाम है। सुमन ने हम पार्टी के प्रदर्शन पर संतोष जताते हुए बताया कि पार्टी ने 6 सीटों पर चुनाव लड़ा और 5 सीटों पर जीत दर्ज की, जिसे उन्होंने “अभूतपूर्व सफलता” बताया।
उन्होंने कहा कि चुनाव में जनता ने यह स्पष्ट संदेश दे दिया है कि वे विकास, स्थिरता और अनुभवी नेतृत्व के साथ खड़ी हैं। एनडीए का यह मजबूत जनादेश मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति लोगों के विश्वास का प्रमाण है। वहीं, उन्होंने महागठबंधन पर भी जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि “महागठबंधन दिशाहीन राजनीति कर रहा है। राजद और कांग्रेस को आत्ममंथन करना चाहिए कि आखिर वे लगातार जनता का भरोसा क्यों खो रहे हैं।”
तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए सुमन ने कहा, “ऐसे नेतृत्व से बिहार की जनता कोई उम्मीद नहीं रखती। जनता ने बता दिया है कि केवल नारों और वादों से सरकारें नहीं बदलतीं, इसके लिए काम और विश्वसनीयता भी चाहिए।” उन्होंने राहुल गांधी द्वारा चुनाव की निष्पक्षता पर उठाए गए सवालों को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। सुमन ने कहा, “यह देश का दुर्भाग्य है कि विपक्ष के बड़े नेता चुनाव हारने के बाद भी लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर प्रश्नचिह्न लगाने लगते हैं। यह लोकतंत्र की मर्यादा के खिलाफ है।”