

पटना में मल्टी मॉडल हब के उद्घाटन के बाद भी सड़कें खराब स्थिति में हैं, जिससे जनता को भारी परेशानी हो रही है। भ्रष्टाचार और लापरवाही के कारण विकास कार्य ठप हैं। लोगों की सुरक्षा खतरे में है और स्मार्ट सिटी बनने का सपना अधूरा दिख रहा है।
पटना में विकास कार्यों पर सवाल
Patna: बिहार की सरकार जहां दोबारा सत्ता में आने का दावा कर रही है, वहीं राजधानी पटना की जमीन पर स्थिति कुछ और ही कहती है। पटना के विकास कार्य भ्रष्टाचार और लापरवाही के कारण सवालों के घेरे में हैं।
कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना जंक्शन के पास मल्टी मॉडल हब का उद्घाटन किया था। उद्घाटन के समय सड़क मरम्मत और अंडरग्राउंड रास्ते का निर्माण किया गया था, ताकि यातायात सुगम हो और जाम की समस्या कम हो। लेकिन, कुछ ही दिनों बाद मल्टी मॉडल हब के सामने की सड़क ध्वस्त हो गई। यह सड़क अब “मौत का कुआं” बन चुकी है। हाल ही में इसी गड्ढे में एक स्कॉर्पियो गिर गई, जिसमें कई लोग सवार थे। बड़ी मुश्किल से उनकी जान बचाई जा सकी।
आज़म खान की रिहाई पर सपा में खुशी की लहर, अखिलेश यादव का एक और बड़ा बयान आया सामने
पटना रेलवे स्टेशन के ठीक सामने भी एक बड़ा गड्ढा बन चुका है। इसी गड्ढे में एक महिला स्कूटी सवार फंस गई थी, जिसे स्थानीय लोगों की मदद से बाहर निकाला गया।
सरकार स्मार्ट सिटी का सपना दिखा रही है, लेकिन भ्रष्टाचार और लापरवाही की वजह से इस सपने की हकीकत से जनता दूर है। विकास कार्यों में धांधली और सुस्ती के कारण सड़कें खराब हो रही हैं और जनता की जान जोखिम में पड़ रही है।
उत्तर प्रदेश STF ने 50 हजार के इनामी को मुम्बई से दबोचा, प्रतापगढ़ में चल रहे थे कई आपराधिक मामले
सवाल उठता है कि क्या पटना वास्तव में स्मार्ट सिटी बन पाएगा, जब विकास कार्यों के लिए किए गए पैसे और प्रयास भ्रष्टाचार के चलते बेकार हो रहे हैं। आम लोगों की जान लेने वाले गड्ढे और खराब सड़कें पटना की तस्वीर को धूमिल कर रही हैं।
राजेश कुमार शर्मा ने कहा, “मल्टी मॉडल हब के सामने की सड़क इतनी खराब हो गई है कि वहां से गुजरना जानलेवा हो गया है।” श्याम कुमार ने बताया, “सरकार स्मार्ट सिटी की बातें करती है, पर विकास की असलियत हमारे सामने है, जो निराशाजनक है।”
पटना के विकास कार्यों की यह सच्चाई सरकार के लिए चुनौती बनी हुई है। अगर जल्द ही सुधार नहीं हुआ तो जनता का विश्वास और गहरा आघात सहना पड़ेगा।