बिहार में वोटर लिस्ट सत्यापन पर सुप्रीम कोर्ट में होगी अहम सुनवाई, विपक्ष और आयोग के बीच जारी विवाद, पढ़ें पूरी खबर

बिहार में वोटर लिस्ट सत्यापन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हो रही है। विपक्षी पार्टियों और चुनाव आयोग के बीच तीखा विवाद है। इंडिया गठबंधन की 9 पार्टियों ने सत्यापन पर रोक लगाने की मांग की है, जबकि वकील अश्विनी उपाध्याय ने केवल भारतीय नागरिकों को वोटर लिस्ट में शामिल करने की याचिका दायर की है। इस फैसले से पूरे देश की वोटर लिस्ट प्रक्रिया प्रभावित होगी।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 10 July 2025, 11:48 AM IST
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New Delhi: बिहार में वोटर लिस्ट के सत्यापन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज बड़ी सुनवाई हो रही है। इस मुद्दे ने राजनीति का तापमान बढ़ा दिया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, कांग्रेस, आरजेडी समेत इंडिया गठबंधन की नौ पार्टियां वोटर लिस्ट सत्यापन पर तत्काल रोक की मांग कर रही हैं, वहीं चुनाव आयोग इस प्रक्रिया को सही ठहराता दिख रहा है।

इंडिया गठबंधन की 9 पार्टियों ने दायर की याचिका

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ के समक्ष इंडिया गठबंधन की कांग्रेस, टीएमसी, आरजेडी, सीपीएम, एनसीपी, सीपीआई, समाजवादी पार्टी, शिवसेना (यूबीटी) और झारखंड मुक्ति मोर्चा ने याचिका दायर की है। इन पार्टियों का आरोप है कि वोटर लिस्ट सत्यापन प्रक्रिया के तहत गरीब और महिलाएं वोटर सूची से बाहर हो सकती हैं। दो सामाजिक कार्यकर्ताओं अरशद अजमल और रुपेश कुमार ने भी इस प्रक्रिया को चुनौती दी है।

अश्विनी उपाध्याय की याचिका

वहीं, वकील अश्विनी उपाध्याय ने चुनाव आयोग का समर्थन करते हुए याचिका दायर की है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वोटर लिस्ट में केवल भारतीय नागरिकों को शामिल किया जाए। उन्होंने अवैध घुसपैठ की समस्या को उजागर करते हुए कहा है कि देश के कई जिलों और तहसीलों में आबादी का ढांचा बदल चुका है, इसलिए सत्यापन जरूरी है।

चुनाव आयोग का कड़ा रुख

चुनाव आयोग ने साफ किया है कि वोटर लिस्ट में केवल योग्य भारतीय नागरिक ही रहेंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि लंबे समय से वोटर लिस्ट का बड़े पैमाने पर सत्यापन नहीं हुआ था, अब घर-घर जाकर सत्यापन किया जाएगा। बिहार के बाद असम, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु समेत कई राज्यों में यह अभियान चलेगा।

विपक्षी दलों का प्रदर्शन और सियासी बयानबाजी

बिहार में विपक्षी दलों ने इस सत्यापन प्रक्रिया के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किए। पटना में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव समेत अन्य नेताओं ने इस प्रक्रिया को गरीबों के अधिकारों पर हमला बताया। तेजस्वी यादव ने इसे गरीबों के वोटर अधिकार छीनने की साजिश करार दिया। दूसरी ओर बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने विपक्षी दलों पर निशाना साधा और पूछा कि वे सत्यापन के खिलाफ क्यों हैं।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला बना सकता दिशा

बिहार में एक लाख से ज्यादा बूथ लेवल ऑफिसर वोटर लिस्ट की जांच कर रहे हैं। विपक्ष इसे गरीबों और कमजोर वर्गों के खिलाफ बता रहा है, जबकि चुनाव आयोग का कहना है कि इसका मकसद गैरकानूनी वोटर हटाना है। आज की सुनवाई पूरे देश की वोटर लिस्ट प्रक्रिया के भविष्य को तय करेगी।

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