Bihar Election 2025: कब होंगे चुनाव, कितने चरणों में होंगे वोटिंग? जानें पूरी जानकारी

बिहार विधानसभा चुनाव अक्टूबर के पहले सप्ताह में घोषित होने की संभावना है। चुनाव दो चरणों में होंगे और मुख्य मुकाबला एनडीए और विपक्षी इंडिया गठबंधन के बीच रहेगा। नीतीश कुमार विकास और स्थिरता का संदेश देंगे, जबकि विपक्ष बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और वोट चोरी जैसे मुद्दों को उठाकर राजनीतिक मोर्चा खोल रहा है।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 21 September 2025, 8:39 AM IST
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Patna: बिहार की राजनीति में अब चुनावी हलचल तेज हो गई है। चुनाव आयोग अक्टूबर के पहले सप्ताह में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है। माना जा रहा है कि यह चुनाव दो चरणों में संपन्न होंगे। इस बार का मुकाबला एनडीए और विपक्षी इंडिया गठबंधन के बीच होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 20 साल से अधिक के शासन के बाद जनता का भरोसा दोबारा जीतने की कोशिश करेंगे, जबकि विपक्ष बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और वोट चोरी जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठा रहा है।

विपक्ष की तैयारी और मुद्दे

कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी राज्यव्यापी यात्रा में लगातार “वोट चोरी” का आरोप लगा रहे हैं। आरजेडी के तेजस्वी यादव बेरोजगारी और कथित भ्रष्टाचार के मुद्दों पर अभियान चला रहे हैं। इस चुनाव की खासियत यह है कि यह बिहार की पहली बड़ी राजनीतिक जंग होगी जो 2023 में कराए गए जातीय सर्वेक्षण के बाद लड़ी जा रही है।

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जातिगत गणित का नया समीकरण

जातिगत सर्वेक्षण ने बिहार की सामाजिक संरचना को उजागर किया। इसमें पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग मिलाकर राज्य की 63% आबादी हैं। यादव 14%, ईबीसी 36%, अनुसूचित जातियां 19% और सवर्ण लगभग 15% हैं। मुस्लिम समुदाय की हिस्सेदारी 17% है, जिनमें कई ओबीसी श्रेणी में आते हैं। सर्वेक्षण के बाद नीतीश सरकार ने नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण को 50% से बढ़ाकर 65% किया और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10% आरक्षण भी जारी रखा। हालांकि पटना हाईकोर्ट ने इस फैसले पर रोक लगा दी, लेकिन कदम ने नीतीश की ओबीसी नेता वाली छवि को मजबूत किया।

केंद्र की रणनीति और चुनावी असर

अप्रैल 2025 में केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय जाति जनगणना के प्रस्ताव को मंजूरी दी। भाजपा ने इसे स्वीकार कर विपक्ष के प्रमुख हथियार को कमजोर करने की कोशिश की है। विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम भाजपा को हिंदू एकजुटता और ओबीसी वर्ग में पकड़ मजबूत करने का अवसर देगा।

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एनडीए की रणनीति

एनडीए में नीतीश कुमार अपनी छवि और गठबंधन की ताकत पर भरोसा करेंगे। भाजपा के साथ मिलकर वे विकास और स्थिरता का संदेश देने की कोशिश करेंगे। गठबंधन के भीतर सवर्ण और ओबीसी वोट को सुरक्षित रखना उनकी प्राथमिकता है।

विपक्ष का हमला

विपक्ष का ध्यान बेरोजगारी, पलायन और भ्रष्टाचार पर केंद्रित है। राहुल गांधी ने वोट चोरी का मुद्दा राष्ट्रीय स्तर पर उठाया है, जबकि तेजस्वी यादव स्थानीय मुद्दों के माध्यम से अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत कर रहे हैं।  इस तरह बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में जातिगत समीकरण, आरक्षण नीति और विकास बनाम भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे निर्णायक भूमिका निभाएंगे।

 

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