

बिहार NDA में सीट शेयरिंग को लेकर BJP और JDU के बीच डील लगभग पक्की मानी जा रही है। अब लोजपा, हम और आरएलएम जैसे सहयोगी दलों से बातचीत होगी। सूत्रों के मुताबिक, सीट बंटवारे का अंतिम ऐलान नवरात्र के दौरान किया जा सकता है। चुनावी तैयारी ज़ोरों पर है।
बिहार चुनाव
Patna: बिहार की राजनीति में गुरुवार को उस समय हलचल बढ़ गई जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। शाह उसी दिन पटना में अपने सार्वजनिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेने पहुंचे थे। इस मुलाकात को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि यह आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे की तैयारियों का हिस्सा हो सकता है। खास बात यह रही कि बैठक में बिहार भाजपा के नेताओं के साथ नीतीश कुमार के दो करीबी सहयोगी संजय झा और विजय चौधरी भी मौजूद थे।
इंडियन एक्सप्रेस के ‘दिल्ली कॉन्फिडेंशियल’ की रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा और जदयू के बीच सीट बंटवारे का प्रारंभिक खाका तैयार हो चुका है। अब इस पर लोजपा (LJP), हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) जैसे सहयोगी दलों से बातचीत की जा रही है। एनडीए गठबंधन की रणनीति है कि सभी दलों को संतुलित हिस्सेदारी दी जाए ताकि चुनाव में कोई असंतोष न रहे।
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सूत्रों के मुताबिक सीट बंटवारे को लेकर अंतिम फैसला नवरात्र के पावन अवसर पर घोषित किया जा सकता है। 22 सितंबर से नवरात्र की शुरुआत हो रही है और माना जा रहा है कि एनडीए इस मौके को शुभ मानते हुए जनता के बीच एकजुटता का संदेश देना चाहता है। यह वही समय है जब आम लोगों को जीएसटी की नई दरों का लाभ मिलना भी शुरू होगा, जिससे गठबंधन अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश करेगा।
बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा में अब कुछ ही दिन बचे हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि दुर्गा पूजा के बाद कभी भी चुनाव कार्यक्रम का ऐलान हो सकता है और इस साल छठ पर्व के बाद मतदान होने की संभावना है। इसे देखते हुए राजनीतिक दल अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुट गए हैं।
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2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू की स्थिति कमजोर रही थी और भाजपा बड़ी पार्टी के रूप में सामने आई थी। लेकिन नीतीश कुमार के हाल ही में एनडीए में लौटने से राजनीतिक समीकरण फिर बदल गए हैं। भाजपा नेतृत्व की प्राथमिकता यह है कि गठबंधन की एकता बनी रहे और विपक्षी गठबंधन इंडिया (INDIA) को कड़ी चुनौती दी जा सके। वहीं नीतीश कुमार भी अपनी साख और राजनीतिक भविष्य को लेकर सतर्क हैं और चाहते हैं कि उन्हें गठबंधन में सम्मानजनक हिस्सेदारी मिले।