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गुजरात के अहमदाबाद में प्याज और लहसुन खाने को लेकर पति-पत्नी के बीच विवाद इतना बढ़ा कि मामला अदालत तक पहुंच गया। 12 साल से चल रहे विवाद का अंत कोर्ट के तलाक फैसले से हुआ, अब पत्नी ने तलाक के लिए सहमति दी है।
अहमदाबाद में एक अनोखा मामला (फोटो सोर्स- गूगल)
Ahmedabad: गुजरात के अहमदाबाद से एक अनोखा और दिलचस्प मामला सामने आया है, जहां एक पति-पत्नी के बीच प्याज और लहसुन को लेकर हुआ विवाद इतना बढ़ा कि मामला अदालत तक पहुंच गया। यह विवाद न केवल उनका जीवन, बल्कि उनके रिश्ते के लिए भी घातक साबित हुआ। आखिरकार, इस विवाद ने 12 साल के रिश्ते को तलाक की मंजिल तक पहुंचा दिया।
यह दंपत्ति 2002 में शादी के बंधन में बंधा था। पत्नी एक धार्मिक संप्रदाय, स्वामीनारायण संप्रदाय की अनुयायी थी, और धार्मिक कारणों से उसने प्याज और लहसुन खाने से खुद को मना किया था। वहीं, पति और उसके परिवार के लोग प्याज और लहसुन खाने के पक्षधर थे। शुरुआत में यह मुद्दा मामूली सा था, लेकिन समय के साथ यह एक बड़ा विवाद बन गया। यह दोनों के बीच रसोई को लेकर झगड़े की वजह बना, और धीरे-धीरे यह मामला घर के अंदर की कलह का कारण बन गया।
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इस विवाद के कारण रिश्ते में तनाव बढ़ता गया, और अंततः पत्नी अपने बच्चे के साथ मायके चली गई। इसके बाद 2013 में पति ने अहमदाबाद के फैमिली कोर्ट में तलाक की याचिका दाखिल की। पति ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि पत्नी ने क्रूरता की और बिना बताए घर छोड़ दिया था। इसके बाद कानूनी लड़ाई शुरू हो गई, जो लगभग 12 साल तक चली।
कानूनी विवाद के बीच, फैमिली कोर्ट ने 8 मई 2024 को तलाक की याचिका पर अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने दोनों के रिश्ते को खत्म करने का आदेश दिया और पति को पत्नी और बच्चे के भरण-पोषण का आदेश भी दिया। हालांकि, पति ने भरण-पोषण के आदेश को गुजरात हाईकोर्ट में चुनौती दी। पत्नी ने भी तलाक के फैसले को चुनौती देते हुए अपील दायर की।
प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स- गूगल)
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हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान, पत्नी ने तलाक के फैसले पर अपनी आपत्ति जताई। हालांकि, बाद में उसने कहा कि उसे अब विवाह-विच्छेद में कोई आपत्ति नहीं है और वह तलाक के लिए तैयार है। इस बयान के बाद, जस्टिस संगीता विशेन और जस्टिस नीशा ठाकोर की बेंच ने कहा कि अब तलाक के मामले पर आगे सुनवाई की आवश्यकता नहीं है और इसे अंतिम रूप से निपटा दिया गया।