उंगलियों को चटकाने की आदत: आखिर क्यों कट-कट की आती आवाज, जानें इसके पीछे का विज्ञान

उंगलियों को चटकाने पर जो कट-कट की आवाज आती है, वह सिनोवियल तरल में गैस के बुलबुलों के फूटने से होती है। तुरंत दोबारा चटकाने पर आवाज नहीं आती क्योंकि बुलबुले बनने में समय लेते हैं। यह आदत सामान्यतः हानिकारक नहीं मानी जाती।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 12 December 2025, 3:42 PM IST
google-preferred

New Delhi: हर इंसान की अपनी कुछ खास आदतें होती हैं, जिन्हें वह अक्सर खाली समय में या सोचते समय करता है। उदाहरण के लिए, कुछ लोगों को नाखून चबाने, पैर हिलाने या गर्दन-माथे पर हाथ रखने की आदत होती है। इसके अलावा, कई लोगों को उंगलियां चटकाने की आदत होती है। ऐसे लोग दिन में कई बार अपनी उंगलियां चटकाते हैं और इससे उन्हें सुकून और तनावमुक्ति महसूस होती है।

क्यों आती है कट-कट की आवाज?

उंगलियों को चटकाने पर जो “कट-कट” आवाज आती है, उसका कारण जोड़ों के बीच में मौजूद सिनोवियल तरल पदार्थ है। यह तरल पदार्थ जोड़ों को चिकनाई प्रदान करता है और उनके स्मूद मूवमेंट में मदद करता है।

• जब कोई उंगली चटकाता है, तो सिनोवियल तरल में गैस के बुलबुले फूटते हैं।
• ये बुलबुले कार्बन डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन गैस से बने होते हैं।
• बुलबुले फूटने पर कट-कट की आवाज पैदा होती है।
• इसी प्रक्रिया की वजह से लोग चटकाने के बाद सुकून महसूस करते हैं और उन्हें लगता है कि उनकी उंगलियां रिलैक्स हो गई हैं।

विनेश फोगाट का मैट पर होगा कमबैक, संन्यास से यू-टर्न लेकर कर रहीं 2028 ओलंपिक की तैयारी

क्यों नहीं आती आवाज तुरंत दोबारा?

वे लोग जिन्हें उंगलियां बार-बार चटकाने की आदत है, अक्सर नोटिस करते हैं कि पहली बार चटकाने के बाद अगर तुरंत दोबारा उंगलियां चटकाते हैं तो आवाज नहीं आती। इसके पीछे भी वैज्ञानिक कारण है।

• पहली बार चटकाने पर गैस के बुलबुले फूट जाते हैं।
• इन्हें फिर से बनने में लगभग 20 मिनट का समय लगता है।
• इसलिए, तुरंत दोबारा चटकाने पर कट-कट की आवाज नहीं आती, लेकिन थोड़ी देर इंतजार करने के बाद यह फिर से सुनाई देती है।

क्या उंगलियां चटकाना नुकसानदेह है?

कई लोग मानते हैं कि उंगलियां चटकाने से हड्डियां कमजोर होती हैं या गठिया (arthritis) का खतरा बढ़ता है। लेकिन वैज्ञानिक अध्ययनों में यह साबित हुआ है कि साधारण रूप से उंगलियों को चटकाना हानिकारक नहीं है। लंबे समय तक लगातार चटकाने से थोड़ी सूजन या असुविधा हो सकती है, लेकिन इससे हड्डियों या जोड़ में स्थायी नुकसान नहीं होता। यदि कोई व्यक्ति दर्द, सूजन या जकड़न महसूस करता है, तो उसे डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

विनेश फोगाट का मैट पर होगा कमबैक, संन्यास से यू-टर्न लेकर कर रहीं 2028 ओलंपिक की तैयारी

वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक कारण

1. साइंटिफिक कारण:
• जोड़ और सिनोवियल तरल में गैस के बुलबुले फूटते हैं।
• यह भौतिक और रासायनिक प्रक्रिया है।

2. मनोवैज्ञानिक कारण:
• लोग तनाव, चिंता या उबाऊ समय में उंगलियां चटकाते हैं।
• इससे मस्तिष्क को सुकून और रिलैक्सेशन मिलता है।
• इसे कभी-कभी “self-soothing behavior” के रूप में देखा जाता है।

क्या इसे रोकना चाहिए?

• स्ट्रेस बॉल या स्टिकर्स का उपयोग करके हाथ व्यस्त रखें।
• समय-समय पर हाथों की मालिश और व्यायाम करें।
• मानसिक तनाव कम करने के लिए योग और ध्यान (meditation) करें।
• बच्चों और किशोरों को आदत के बारे में सिखाना और समझाना जरूरी है।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 12 December 2025, 3:42 PM IST