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हैदराबाद के सुधा कार्स म्यूजियम में एक अनोखी 21 फुट लंबी क्रिकेट बैट से बनी कार का खुलासा हुआ है। इस विचित्र वाहन की स्पीड और डिजाइन को देखकर आप चौंक जाएंगे। क्या सच में यह चल सकती है? जानिए पूरी कहानी!
चमत्कारी क्रिकेट बैट कार
Hyderabad: हैदराबाद का सुधा कार्स म्यूजियम हमेशा अपने असाधारण और अनोखे वाहनों के लिए प्रसिद्ध रहा है। हाल ही में एक नया अविष्कार सामने आया है, जिसने हर किसी को चौंका दिया है। 21 फुट लंबा क्रिकेट बैट, जो कि एक इंजन वाली कार में बदल दिया गया है, म्यूजियम के नवीनतम आकर्षण के रूप में प्रदर्शित है।
एक वायरल वीडियो में इस विशाल बैट को चलते हुए दिखाया गया है, जिससे लोगों को पहले तो यह समझ नहीं आया कि यह असल में एक कार है।
वीडियो में दिखाया गया कि इस क्रिकेट बैट में एक छोटा ड्राइविंग केबिन है, जिसमें गोलाकार पहिया और चार पहिए लगे हुए हैं। बैट के नीचे एक इंजन और पेट्रोल टैंक भी लगाया गया है। इस खास वाहन को कैरेबियन में 2007 के आईसीसी विश्व कप से पहले तैयार किया गया था।
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बैट के ऊपर टूर्नामेंट का लोगो भी देखने को मिलता है। हालांकि यह वाहन कभी सड़क पर नहीं उतरेगा, म्यूजियम के कर्मचारी बताते हैं कि यह 30-40 किमी प्रति घंटे की गति से चल सकती है।
सुधा कार्स म्यूजियम में केवल क्रिकेट बैट से बनी कार ही नहीं, बल्कि और भी कई विचित्र वाहन मौजूद हैं। इनमें से एक खास वाहन है, जो क्रिकेट गेंद के आकार में तैयार किया गया है। यह गोलाकार वाहन 2003 के आईसीसी विश्व कप से प्रेरित था और इसके डिजाइन में रियरव्यू मिरर, हेडलाइट्स और इंडिकेटर्स लगाए गए थे।
इस विशेष कार का उद्घाटन भारत के पूर्व क्रिकेट कप्तानों, कपिल देव और मोहम्मद अजहरुद्दीन ने किया था। संग्रहालय के कर्मचारियों के अनुसार, इस गोलाकार क्रिकेट गेंद कार में टीवीएस एक्टिवा स्कूटी के इंजन जैसा इंजन लगाया गया था।
सुधा कार्स म्यूजियम जो कि कन्याबोयिना सुधाकर द्वारा संचालित है, अपने अनोखे और भव्य आविष्कारों के लिए जाना जाता है। यह म्यूजियम न केवल भारतीय बल्कि विदेशी आगंतुकों के बीच भी एक प्रमुख आकर्षण बना हुआ है। यहां आने वाले लोग इन विचित्र वाहनों को देखकर हैरान रह जाते हैं।
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हालांकि इन वाहनों को सड़क पर चलाने की कोई योजना नहीं है, फिर भी यह संग्रहालय अपनी रचनात्मकता और असामान्य डिजाइनों से सभी का ध्यान खींचता है।