हिंदी
यूपी में कथित कफ सिरप घोटाले ने सियासी बवंडर पैदा कर दिया है। सपा नेताओं ने बच्चों की मौतों पर सरकार की जिम्मेदारी तय करने की मांग उठाई है। मामला गंभीर होता देख राजनीतिक तापमान लगातार बढ़ रहा है।
Lucknow: यूपी की राजनीति इन दिनों कथित कफ सिरप घोटाले को लेकर उथल-पुथल से भरी हुई है। नकली कफ सिरप से बच्चों की मौतों का मामला अब प्रदेश की सीमाओं से आगे बढ़कर राष्ट्रीय बहस का मुद्दा बन गया है। लोकसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने इस मामले को बेहद तीखे अंदाज़ में उठाया और सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।
धर्मेंद्र यादव ने संसद में कहा कि कथित नकली कफ सिरप का इतना बड़ा रैकेट सक्रिय है, जिसकी सप्लाई यूपी, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल से होते हुए बांग्लादेश और साउथ अफ्रीका तक पहुंच रही है। सांसद के मुताबिक कथित जहरीली दवा ने सैकड़ों बच्चों की जान ले ली, लेकिन रैकेट में शामिल लोग 2000 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार कर रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि जिन परिवारों ने अपने बच्चों को खोया, उनकी पीड़ा को आखिर कौन समझेगा? उन्होंने लोकसभा स्पीकर से भावनात्मक अपील करते हुए कहा कि एक मां होने के नाते वह इस दर्द को महसूस कर सकती हैं।
इस बीच समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी यूपी सरकार पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में 'वन डिस्ट्रिक्ट वन माफिया' का मॉडल चल रहा है और कफ सिरप व दवा घोटाला हजारों करोड़ का रूप ले चुका है। अखिलेश ने कहा कि उनकी सरकार के दौरान दवाओं की गुणवत्ता पर कड़ी निगरानी रहती थी, लेकिन मौजूदा सरकार में हालात बिगड़ते चले गए और पूर्वांचल की अर्थव्यवस्था तक प्रभावित हुई।
अखिलेश यादव ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि यह सिर्फ घोटाला नहीं, बल्कि बच्चों की जान से जुड़ा मुद्दा है और इसमें किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए।