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नई दिल्ली में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में मनरेगा में बदलाव के केंद्र सरकार के फैसले पर कड़ी नाराज़गी जताई गई। कांग्रेस ने इसे गरीब विरोधी कदम बताते हुए निंदा प्रस्ताव पारित किया और 5 जनवरी से देशभर में “मनरेगा बचाओ अभियान” चलाने का ऐलान किया।
New Delhi: नई दिल्ली में हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की अहम बैठक में मनरेगा को लेकर केंद्र सरकार के फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। बैठक में कांग्रेस ने सर्वसम्मति से निंदा प्रस्ताव पारित करते हुए कहा कि मनरेगा में बदलाव गरीबों और मजदूरों के हितों पर सीधा हमला है। पार्टी ने आरोप लगाया कि सरकार की नीतियां आम जनता के बजाय बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाई जा रही हैं।
बैठक में मौजूद नेताओं ने कहा कि मनरेगा करोड़ों गरीब परिवारों के लिए आजीविका का सहारा है। इसमें किसी भी तरह की कटौती या संरचनात्मक बदलाव सीधे तौर पर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को कमजोर करेगा। कांग्रेस ने साफ किया कि वह मनरेगा को कमजोर करने की किसी भी कोशिश का विरोध करेगी।
बैठक के दौरान राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मौजूदा नीतियों से आम गरीब को कोई लाभ नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार का पूरा फोकस चुनिंदा बड़े उद्योगपतियों पर है, जबकि मजदूर, किसान और ग्रामीण वर्ग लगातार नजरअंदाज हो रहा है। कांग्रेस ने घोषणा की कि 5 जनवरी से देशभर में “मनरेगा बचाओ अभियान” शुरू किया जाएगा। इस अभियान के तहत पार्टी कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर लोगों को मनरेगा के महत्व के बारे में जागरूक करेंगे और सरकार के फैसलों के खिलाफ आवाज बुलंद करेंगे।
कांग्रेस नेतृत्व ने स्पष्ट किया कि मनरेगा सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि गरीबों के सम्मान और अधिकार से जुड़ा मुद्दा है। पार्टी ने दो टूक कहा कि वह इस सवाल पर पीछे नहीं हटेगी और गरीबों के हक की लड़ाई सड़क से संसद तक पूरी मजबूती के साथ लड़ी जाएगी।
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