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श्रीनगर के सबसे व्यस्त और पॉश इलाकों में से एक निरंजनी बाग में आधी रात गुलदार दिखाई देने से सनसनी फैल गई। सीसीटीवी में कैद हुई फुटेज ने स्थानीय लोगों की चिंता बढ़ा दी है। आवासीय क्षेत्र में घूमते गुलदार के बाद लोग सुरक्षा को लेकर सतर्क हैं और वन विभाग से त्वरित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
सीसीटीवी फुटेज में दिखा गुलदार
Srinagar: उत्तराखंड का श्रीनगर शहर एक बार फिर गुलदार की गतिविधियों से दहशत में है। शहर के सर्वाधिक प्रतिष्ठित और संवेदनशील इलाकों में से एक निरंजनी बाग में देर रात गुलदार के टहलने का वीडियो सामने आया है। यह क्षेत्र बदरीनाथ बस अड्डे के बिल्कुल समीप स्थित है, जहां दिनभर यात्रियों की आवाजाही रहती है और रात में भी लोग अक्सर घरों के बाहर घूमते रहते हैं। ऐसे में गुलदार की मौजूदगी ने स्थानीय निवासियों की चिंता को कई गुना बढ़ा दिया है।
सीसीटीवी फुटेज में गुलदार का स्पष्ट दृश्य दिखाई देता है, जिसमें एक बड़ा गुलदार पूरी सहजता के साथ सड़क पर चलता हुआ नजर आता है। स्थानीय लोगों के अनुसार, यह फुटेज रात करीब 1 बजे का है, जब मोहल्ला अपेक्षाकृत शांत था। कैमरों में कैद इस घटना के सामने आने के बाद पूरे क्षेत्र में डर और सतर्कता का माहौल बन गया है।
निरंजनी बाग एक घनी आबादी वाला क्षेत्र है, जहां बच्चों और बुजुर्गों की आवाजाही आम बात है। लोगों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से इलाके में कुत्तों के असामान्य रूप से भौंकने और हरकतों का अंदेशा था, लेकिन किसी ने उम्मीद नहीं की थी कि गुलदार जैसे जंगली जानवर का प्रवेश हो सकता है। फुटेज सामने आने के बाद कई घरों ने देर शाम के बाद बाहर निकलना कम कर दिया है। पालतू जानवरों को घरों के भीतर ही बांधकर रखा जा रहा है।
घटना के बाद स्थानीय लोगों ने वन विभाग से गश्त बढ़ाने की मांग की है। अधिकारियों का कहना है कि गुलदार संभवतः भोजन की तलाश में आस-पास के जंगल क्षेत्रों से मानव बस्ती की ओर आया होगा। विभाग ने बताया कि टीमों को इलाके में भेजा गया है और नियमित निगरानी बढ़ा दी गई है। आवश्यक होने पर पिंजरा लगाकर गुलदार को पकड़ने की तैयारी भी की जाएगी।
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वन विभाग और प्रशासन ने निवासियों से अपील की है कि वे रात के समय अकेले न निकलें और छोटे बच्चों और पालतू जानवरों को घर से बाहर न छोड़ें। कूड़ा-कचरा खुले में न फेंकने और बाहरी लाइटें जलाए रखने की भी सलाह दी गई है, ताकि जंगली जानवरों को आकर्षित करने वाली परिस्थितियां न बनें।
विशेषज्ञों का कहना है कि जंगलों में भोजन की कमी और लगातार कम होता प्राकृतिक आवास वन्यजीवों को मानव बस्तियों की ओर धकेल रहा है। श्रीनगर में पिछले एक वर्ष में इस तरह की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिनमें गुलदार आवासीय क्षेत्रों में देखा गया है। निरंजनी बाग की यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि शहर और जंगल के बीच की सीमाएं धीरे-धीरे धुंधली क्यों हो रही हैं। फिलहाल क्षेत्र में सतर्कता बढ़ा दी गई है और लोग प्रशासन से स्थायी समाधान की उम्मीद कर रहे हैं।