

चमोली जिले के ज्योर्तिमठ विकासखंड के डुमक गांव में घास लेने गए पति-पत्नी पर भालू ने हमला कर दिया। पति सुंदर सिंह की मौके पर मौत हो गई, जबकि पत्नी लीला देवी गंभीर रूप से घायल हो गई। उन्हें एम्स ऋषिकेश भेजा गया है।
चमोली जिले में भालू का आतंक (सोर्स- गूगल)
Chamoli: उत्तराखंड के चमोली जिले में भालू का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। ज्योर्तिमठ विकासखंड के डुमक गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जब एक पति-पत्नी पर भालू ने हमला कर दिया। इस हमले में पति की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गई। यह घटना गांव में भारी दहशत का कारण बनी है।
घटना के अनुसार, डुमक गांव के सुंदर सिंह और उनकी पत्नी लीला देवी जंगल में घास लेने के लिए गए थे। तभी अचानक एक भालू ने उन पर हमला कर दिया। सुंदर सिंह ने भालू से बचने की पूरी कोशिश की, लेकिन वह बुरी तरह से घायल हो गए और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, उनकी पत्नी लीला देवी भी भालू के हमले में गंभीर रूप से घायल हो गई।
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घटना के बाद स्थानीय लोगों ने फौरन मदद की और घायल लीला देवी को अस्पताल पहुंचाने की कोशिश की। गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें एयर एम्बुलेंस से ऋषिकेश स्थित एम्स भेजा गया है। जहां उनका इलाज जारी है। स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि वह उनकी इलाज की स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हैं।
एम्स अस्पताल (सोर्स- गूगल)
चमोली जिले में भालू के हमले से ग्रामीणों में भारी डर और दहशत फैल गई है। पिछले कुछ महीनों में भालू के हमले के कई मामले सामने आ चुके हैं। इन हमलों के कारण ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर चिंताएँ बढ़ गई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जंगलों में खाद्य संसाधनों की कमी के कारण भालू इंसानी बस्तियों की ओर आ रहे हैं।
इस भालू के हमले के बाद स्थानीय प्रशासन ने स्थिति को गंभीरता से लिया है और जंगल क्षेत्रों में सुरक्षा उपायों को बढ़ाने की योजना बनाई है। साथ ही, भालू के आतंक से प्रभावित गांवों में जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। प्रशासन ने ग्रामीणों से जंगल में अकेले न जाने की अपील की है और सुरक्षा किटों का वितरण करने की बात कही है।
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विशेषज्ञों के अनुसार, जंगलों में खाद्य संकट और प्राकृतिक आवासों में हो रहे परिवर्तनों के कारण जानवरों की बस्तियों की ओर बढ़ने की संभावना बढ़ रही है। इससे मानव-वन्यजीव संघर्ष बढ़ रहा है। चमोली में भालू द्वारा किए गए हमलों के मामले अब चिंता का विषय बन गए हैं और प्रशासन को इस पर तुरंत और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है।