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इन दिनों भालू की घटना और गुलदार की घटना आये दिन सुनाई दे रही है। जनपद रूद्रप्रयाग भी इससे अछूता नही है। जनपद में अभी तक 3 लोगों को भालू ने हमला करके घायल कर दिया है। भले वन विभाग केवल 3 या 4 लोगों की बात कर रहा है लेकिन ग्रामीणों के आकड़ें कुछ और ही बता रहे हैम।
प्रतीकात्मक छवि
Rudraprayag: उत्तराखण्ड़ में इन दिनों भालू और गुलदार की घटना आए दिन सुनाई दे रही है। जनपद रूद्रप्रयाग भी इससे अछूता नहीं है। जनपद में अभी तक 3 लोगों को भालू ने हमला करके घायल कर दिया है। भले वन विभाग केवल 3 लोगों की बात ही कर रहा है लेकिन ग्रामीणों के आकडें कुछ और ही बता रहे हैं।
कुछ दिन पहले, धारकूडी में एक साथ भालू ने 6 महिलाओं को घायल कर दिया था। भालू इन दिनों अपने भोजन की तलाश में जगल से ग्रामीण क्षेत्रों, शहरों की ओर आ रहा है, जिससे गंव, बाजार में रहने वाले लोगों से भालू की हमले की घटना सुबह पांच बजे या सांय 5 बजे के बाद सामने आ रही हैं।
सुबह लोग अपने घर से किसी भी काम के लिए अकेले नहीं निकल पा रहे हैं, क्योंकि ये समय उनके भोजन का होता है। इसलिए जानवर उन्हें अकेला देख हमला कर देते हैं। वन विभाग के SDO का कहना है कि भालू शीतकाल में हाइबरनेशन में चला जाता है। उसके लिए वह लगातार अपने भोजन के लिए इधर-उधर भाग निकलता हैं और यहां तक कि हमला करने के लिए लोगों के घर तक पहुंच जाता है।
जैसे ही शीत ऋतु में बर्फबारी शुरू हो जाती है तो ये जानवर गुफाओं में सो जाता है और दो-तीन महिने तक जब तक ग्रीष्मकाल नहीं हो जाता, तब तक शुष्त अवस्था में रहता है। फिलहाल जब तक बर्फबारी नहीं होती है, तब तक भालू भोजन की तलाश में ही रहेगा। इससे गांववासियों को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ सकता है।
वन विभाग बता रहा है कि जनपद में अब तक 2 से 3 घटना हुई हैं, जबकि यह आंकडा ज्यादा है। वन विभाग द्वारा बताया गया है कि भालू द्वारा किए गए हमले में पिछले वर्ष एक महिला घायल हो गई थी, बाद में उसकी इलाज के दौरान मृत्यु हो गई।