

उत्तराखंड में मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है, जिसके तहत देहरादून, नैनीताल, बागेश्वर और पौड़ी में भारी बारिश और गरज-चमक की संभावना जताई गई है। पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन और मैदानों में जलभराव का खतरा बढ़ सकता है।
उत्तराखंड में भारी बारिश की चेतावनी
Dehradun: उत्तराखंड में मानसून का असर लगातार गहरा होता जा रहा है और मौसम विभाग ने सोमवार को राज्य के विभिन्न हिस्सों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। जहां पिछले कुछ दिनों से लोगों को धूप और हल्की बारिश से राहत मिली थी। वहीं अब बादल फिर से राज्य के मौसम को प्रभावित करने वाले हैं। खासतौर पर देहरादून, नैनीताल, बागेश्वर और पौड़ी जिलों में भारी बारिश और गरज-चमक के साथ बिजली गिरने की संभावना जताई गई है।
उत्तराखंड में कई इलाकों में एक बार फिर से हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है, लेकिन कहीं-कहीं मूसलधार बारिश से लोगों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस मौसम में, जहां एक ओर उमस और गर्मी से राहत मिलेगी, वहीं बारिश के साथ जुड़ी दिक्कतें भी बढ़ सकती हैं। प्रशासन ने पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और मैदानी इलाकों में जलभराव और ट्रैफिक जाम की संभावना जताई है।
तेज रफ्तार, बारिश और अंधेरे ने ली दो जिंदगियां, उत्तराखंड में बड़ा सड़क हादसा
मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है, जिसका मतलब है कि कोई बड़ी आपदा नहीं है, लेकिन यह संभावित खतरों के लिए तैयार रहने का संकेत है। विशेष रूप से पहाड़ी इलाकों में जाने वालों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही, राज्यभर में बिजली गिरने और अचानक बारिश की संभावना को देखते हुए सभी को संभलकर चलने की हिदायत दी गई है।
देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में सोमवार को मौसम का मिज़ाज बदलता रहेगा। सुबह धूप और बादलों की हल्की आवाजाही के बाद कुछ क्षेत्रों में मूसलधार बारिश हो सकती है। खासकर शाम होते-होते बारिश तेज हो सकती है। नैनीताल और बागेश्वर जैसे पहाड़ी इलाकों में भी बारिश और गरज-चमक का असर दिखने की संभावना है।
उत्तराखंड में बारिश और आकाशीय बिजली के लिए येलो अलर्ट जारी, मौसम विभाग ने दी चेतावनी
मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए येलो अलर्ट का मतलब है कि यह एक चेतावनी है, जिसका उद्देश्य लोगों को सतर्क करना है। येलो अलर्ट का संकेत यह नहीं है कि बड़ी आपदा होने वाली है, लेकिन यह संदेश देता है कि कुछ संभावित खतरे हो सकते हैं और सावधानी बरतने की आवश्यकता है। पहाड़ी इलाकों में बारिश के बाद भूस्खलन का खतरा बढ़ सकता है, जबकि मैदानी क्षेत्रों में जलभराव और ट्रैफिक जाम की समस्या हो सकती है।