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उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद के लिये मंगलवार का दिन अमंगलकारी साबित हुआ। धराली गांव में बादल फटने की घटना से हर्षिल में भी सेना का कैंप चपेट में आया है। सेना के कई जवान लापता बताये जा रहे हैं।
बादल फटने के कारण हर्षिल में सेना का कैंप भी चपेट में
Uttarkashi: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद के लिये मंगलवार का दिन बेहद अमंगलकारी साबित हुआ। जनपद हर्षिल घाटी में बादल फटने पर बड़ी तबाही मची। धराली गांव पर कुदरत का सबसे ज्यादा कहर बरपा है। बादल फटने की घटना से धराली गांव में भारी जानमाल का नुकसान हो गया है। बादल फटने के कारण हर्षिल में सेना का कैंप भी इसकी चपेट में आ गया, जिसके बाद से कई जवानों के लापता होने की आशंकाएं जताई जा रही है। धराली गांव भी हर्षिल के पास ही है।
बादल फटने के कारण आये सैलाब ने धराली गांव के अलावा 14 राजपूताना राइफल यूनिट की तैनाती है। बताया जाता है कि बादल फटने से सेना का यह कैंप भी इस तबाही की चपेट में आ गया है। कुछ सैनिकों के लापता होने की आशंका जतायी जा रही है।
बादल फटना विनाशकारी घटना
मंगलवार सुबह हर्षिल घाटी में अचानक मौसम ने विकराल रूप ले लिया। बादल फटने की तेज आवाज के बाद क्षेत्र में भारी बारिश और सैलाब ने दस्तक दी। सबसे ज्यादा नुकसान धराली गांव में हुआ है, जहां कई घर पानी में बह गए हैं और ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
बादल फटने से सेना के 14 राजपूताना राइफल यूनिट का कैंप भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, इस यूनिट के कई जवान लापता बताए जा रहे हैं। राहत और बचाव कार्य जारी है लेकिन दुर्गम भूगोल और मौसम की प्रतिकूलता के चलते कार्यों में दिक्कतें आ रही हैं।
राहत और बचाव कार्य जारी
सेना, आईटीबीपी, राज्य आपदा प्रबंधन बल (SDRF) और जिला प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंच गई हैं। स्थानीय लोगों की मदद से फंसे हुए लोगों को निकालने का प्रयास किया जा रहा है। हेलिकॉप्टर की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करने की योजना बनाई गई है, लेकिन मौसम के कारण उड़ान भरना फिलहाल संभव नहीं हो पा रहा।
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक मौके की निगरानी कर रहे हैं। जिला प्रशासन ने आपातकालीन नंबर जारी करते हुए लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों से बचें और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।
उत्तरकाशी में पिछले कुछ वर्षों में बादल फटने और भूस्खलन जैसी आपदाएं लगातार सामने आती रही हैं, जिससे यह क्षेत्र एक हाई रिस्क जोन बन चुका है। लोगों से अपील की गई है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और आपदा प्रबंधन टीमों का सहयोग करें।