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6 नवंबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और वन मंत्री सुबोध उनियाल रामनगर में जन वन उत्सव कार्यक्रम में शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में वनों और वन्य जीवों के संरक्षण पर चर्चा होगी। रविवार को अधिकारियों ने कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया।
उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस की तैयारियां
Nainital: उत्तराखंड राज्य के 25 वर्ष पूर्ण होने पर इस बार सरकार द्वारा 11 नवंबर तक प्रदेशभर में रजत महोत्सव कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इस विशेष अवसर पर 6 नवंबर को प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और वन मंत्री सुबोध उनियाल रामनगर वन प्रभाग के नगर वन क्षेत्र में जन वन उत्सव कार्यक्रम के तहत शिरकत करेंगे।
कार्यक्रम के संयोजक और भाजपा के पूर्व प्रदेश मंत्री राकेश नैनवाल ने बताया कि यह कार्यक्रम वनों और जंगलों के संरक्षण के साथ-साथ मानव और वन्यजीवों के संघर्ष के मुद्दे पर चर्चा करने का एक महत्वपूर्ण मंच होगा। मुख्यमंत्री और वन मंत्री इस दौरान जनता से संवाद करेंगे और वन्यजीवों और जंगलों से जुड़ी समस्याओं का समाधान तलाशने का प्रयास करेंगे।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में वनों के संरक्षण के साथ-साथ मानव और वन्य जीव संघर्ष की घटनाओं को कम करने के उपायों पर चर्चा करना है। यह आयोजन जंगलों और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के महत्व को समझने और उसे बेहतर बनाने के लिए जागरूकता फैलाने का प्रयास करेगा।
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रविवार को एसडीएम प्रमोद कुमार, फारवर्ड पार्क के निदेशक डॉ. साकेत बडोला और वन विभाग के कई अधिकारियों ने कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान, अधिकारियों ने सुनिश्चित किया कि कार्यक्रम की सभी व्यवस्थाएँ सुचारू रूप से चलें और लोगों को कोई भी असुविधा न हो।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और वन मंत्री सुबोध उनियाल 6 नवंबर को रामनगर में जन वन उत्सव में करेंगे शिरकत। वनों के संरक्षण और मानव-वन्यजीव संघर्ष पर होगा संवाद। #Uttarakhand #JanVanUtsav #RajatMahotsav #Ramnagar pic.twitter.com/HMUhlv5OOg
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) November 2, 2025
एसडीएम प्रमोद कुमार ने संबंधित अधिकारियों को स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था और अन्य जरूरी इंतजामों को दुरुस्त करने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री और वन मंत्री के नेतृत्व में यह संवाद सत्र वन्यजीव संरक्षण और वनों की सुरक्षा को लेकर जनता से सीधा संवाद स्थापित करेगा। इस सत्र के दौरान, लोग अपने सवाल और सुझाव सीधे मुख्यमंत्री और वन मंत्री के समक्ष रख सकेंगे, जिससे प्रशासन को वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों को और प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी।
इस कार्यक्रम का आयोजन उत्तराखंड राज्य के 25 वर्षों के इतिहास को मान्यता देने के साथ-साथ पर्यावरण और प्रकृति संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने का एक प्रयास है। सरकार इस आयोजन के माध्यम से समाज को पर्यावरण संरक्षण के महत्व से जोड़ने का काम करेगी।
कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण
कार्यक्रम संयोजक राकेश नैनवाल ने बताया कि इस उत्सव के माध्यम से हम प्रदेशवासियों को पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरूक करना चाहते हैं। वहीं, एसडीएम प्रमोद कुमार ने कहा कि इस कार्यक्रम को लेकर सभी तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं और वे यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी व्यवस्था में कोई कमी न रहे।
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इस कार्यक्रम के माध्यम से, उत्तराखंड सरकार ने यह संकेत दिया है कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता मजबूत है और आने वाले समय में इस दिशा में और भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे।