

उधमसिंह नगर के रूद्रपुर डिवीजन में सागौन की लकड़ियों के तस्कर खुलेआम लकड़ी की तस्करी कर रहे हैं। तस्कर वन विभाग की नाक के नीचे वन संपदा को नुक्सान कर रहे हैं।
Udham Singh Nagar: वन विभाग की नाक के नीचे खुलेआम लकड़ियों की तस्करी की जा रही है। तराई केन्द्रीय वन प्रभाग रूद्रपुर डिवीजन की पीपल पड़ाव रेंज के प्लाट से सागौन के तस्करों ने 14 हरे-भरे पेड़ों को आरी से काट दिया और मौके से फरार हो गए।
जानकारी के अनुसार लोगों ने बताया कि जिस स्थान पर तस्करों ने ये पेड़ काटे हैं वहां से रेंज ऑफिस महज दो किमी दूर है। घटना को अंजाम देने के बाद वन तस्कर मौके से फरार हो गए। पेड़ काटने की सूचना पाकर वन विभाग फरार तस्करों की तलाश में जुटा है।
इधर स्थानीय लोगों ने कहा कि इतनी बड़ी वारदात के बावजूद वन विभाग को भनक तक क्यों नहीं लगी। मामला गंभीर है क्योंकि इससे कहीं न कहीं वन कर्मियों की मिलीभगत और लापरवाही साफ झलक रही है।
लोगों ने वन विभाग पर आरोप लगाया कि घटना के समय वन विभाग को वाकये की भनक तक नहीं लगी जिससे वन कर्मियों की मिलीभगत पर सवाल उठ रहे हैं।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि अगर इतनी संख्या में पेड़ काटे जा सकते हैं तो यह निश्चित है कि सब कुछ मिलीभगत से हुआ है। वरना रेंज ऑफिस से इतनी नज़दीकी पर इतनी बड़ी चोरी मुमकिन ही नहीं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि वन विभाग सिर्फ कागज़ों में काम कर रहा है, ज़मीनी स्तर पर कोई निगरानी नहीं कर रहा है।
वही वन्यजीव व पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि यह केवल पेड़ों की चोरी नहीं बल्कि आने वाली पीढ़ियों के हरे भविष्य पर हमला है। सवाल उठ रहा है कि आख़िर कब ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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वन क्षेत्र अधिकारी पीसी जोशी ने बताया कि पेड़ गिरने की आवाज आने पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। टीम को देखकर तस्कर फायरिंग कर मौके से फरार हो गए। वन क्षेत्राधिकार ने बताया कि टीम ने भागते हुए कुछ लोगों को पहचान लिया है। यह लोग पहले भी लकड़ी तस्करी करते हैं।
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उन्होंने कहा कि मौके पर पेड़ जरूर कटे हुए पाए गए। मामले की जांच की जा रही है।
घटना के बाद मीडिया द्वारा पूछे जाने पर वन विभाग के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने अब तक आधिकारिक बयान देना जरूरी नहीं समझा। विभाग की यह चुप्पी ही लोगों के शक को और गहरा कर रही है।