

रायवाला के जंगल में बाघ का आतंक देखने को मिला। जिससे क्षेत्र में में दहशत का माहौल बना हुआ हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
रायवाला: उत्तराखंड के रायवाला क्षेत्र के जंगलों में गुरुवार सुबह दो युवकों पर हुए बाघ के हमले ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है। पत्ते और लकड़ियां बीनने जंगल गए राहुल नेगी (22) और अर्जुन बहुगुणा (21) पर जंगली जानवर ने अचानक हमला कर दिया, जिसमें राहुल की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई, जबकि अर्जुन गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे प्राथमिक उपचार के बाद ऋषिकेश स्थित एम्स में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार यह दिल दहला देने वाली घटना ऋषिकेश रेंज के ग्वेला बीट के जंगलों में हुई, जहां स्थानीय ग्रामीण रोजमर्रा की जरूरतों के लिए पत्ते और ईंधन की लकड़ियां इकट्ठा करने जाते हैं। हमले की सूचना मिलते ही पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और पूरे क्षेत्र को घेर लिया गया। मृतक का शव पोस्टमार्टम के लिए ऋषिकेश भेजा गया है।
वन विभाग ने घटनास्थल के आसपास बाघ के पंजों के निशान मिलने की पुष्टि की है। हमले के तरीके और पंजों के निशानों को देखते हुए अधिकारियों को अंदेशा है कि हमला करने वाला जानवर बाघ ही था। मामले की जांच तेज कर दी गई है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बीते 1 मई को जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से एक पांच वर्षीय नर बाघ को राजाजी टाइगर रिजर्व के मोतीचूर रेंज में स्थानांतरित किया गया था। ट्रैकिंग डिवाइस के अनुसार, वह बाघ हाल ही में शिवपुरी रेंज से होकर ऋषिकेश रेंज में दाखिल हुआ था और उसकी आखिरी लोकेशन इसी क्षेत्र के आसपास पाई गई है। इससे संदेह गहराया है कि हमला इसी स्थानांतरित बाघ ने किया है।
घटना की सूचना मिलते ही पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि रमन रांगड़ मौके पर पहुंचे और उन्होंने मृतक के परिजनों से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की। उन्होंने वन विभाग से बाघ पर कड़ी निगरानी रखने और ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।
घटना के बाद से पूरे रायवाला क्षेत्र में भय का माहौल है। लोग जंगलों की ओर जाने से डरने लगे हैं। स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन से जंगलों में निगरानी बढ़ाने, बाघ के मूवमेंट पर नियंत्रण रखने और मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है।
वन विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए क्षेत्र में गश्त और निगरानी बढ़ा दी है, हालांकि राजाजी टाइगर रिजर्व के अधिकारियों की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।