Srinagar: उत्तराखंड के श्रीनगर में आस्था और संस्कृति का संगम देखने को मिला जब बैकुंठ चतुर्दशी मेला एवं विकास प्रदर्शनी 2025 का भव्य शुभारंभ हुआ। चार से दस नवंबर तक चलने वाले इस मेले का उद्घाटन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअल माध्यम से किया। इस अवसर पर मेले की संरक्षक और पौड़ी की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया, नगर निगम श्रीनगर की मेयर आरती भंडारी और नगर आयुक्त नूपुर वर्मा ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने मोहा दर्शकों का मन
मेले की शुरुआत के साथ ही मंच पर श्रीनगर के जीजीआईसी (गवर्नमेंट गर्ल्स इंटर कॉलेज) की छात्राओं ने अपनी शानदार प्रस्तुतियों से समां बांध दिया। कार्यक्रम की शुरुआत शिव वंदना से हुई, जिसमें नृत्यांगनाओं ने भगवान शिव की भक्ति का सुंदर चित्रण किया। इसके बाद प्रस्तुत किया गया छोलिया नृत्य दर्शकों के आकर्षण का केंद्र बना। पारंपरिक संगीत और रंगारंग परिधानों में छात्राओं की झलक ने पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया।
मुख्यमंत्री धामी का संबोधन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअल संबोधन के माध्यम से श्रीनगरवासियों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि बैकुंठ चतुर्दशी मेला उत्तराखंड की धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का प्रतीक है। उन्होंने इस अवसर पर नगर निगम की मेयर आरती भंडारी के अनुरोध पर श्रीनगर को ‘सोलर सिटी’ के रूप में विकसित करने का आश्वासन दिया।
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सीएम ने कहा, “उत्तराखंड सरकार सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में निरंतर काम कर रही है। श्रीनगर को सोलर सिटी बनाने का प्रस्ताव शासन स्तर पर परीक्षण के लिए भेजा जाएगा। संबंधित विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि सभी प्रस्तावों को शीघ्र शासन को भेजें ताकि आगे की कार्यवाही शुरू की जा सके।”
यह घोषणा श्रीनगर के विकास के लिए एक बड़ी उम्मीद के रूप में देखी जा रही है। स्थानीय लोगों का मानना है कि सोलर सिटी बनने से यहां स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा और शहर का पर्यावरणीय संतुलन भी बेहतर होगा।
मेले में विकास प्रदर्शनी बनी आकर्षण का केंद्र
इस बार मेले के साथ आयोजित विकास प्रदर्शनी में विभिन्न सरकारी विभागों, स्वयं सहायता समूहों और स्थानीय उद्यमियों ने अपने-अपने स्टॉल लगाए हैं। इनमें महिला समूहों द्वारा बनाए गए स्थानीय उत्पाद, हस्तशिल्प, जैविक खाद्य पदार्थ, और सरकारी योजनाओं की जानकारी प्रमुख रूप से शामिल हैं।
लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से इस प्रदर्शनी में‘वोकल फॉर लोकल’ थीम को प्रमुखता दी गई है। पर्यटक और स्थानीय लोग यहां न केवल खरीदारी कर रहे हैं बल्कि सरकारी योजनाओं की जानकारी भी ले रहे हैं।
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धार्मिक आस्था का केंद्र
बैकुंठ चतुर्दशी मेला केवल एक सांस्कृतिक उत्सव नहीं, बल्कि धार्मिक श्रद्धा का पर्व भी है। इस अवसर पर हर वर्ष की तरह कमलेश्वर महादेव मंदिर में विशेष अनुष्ठान आयोजित किए जा रहे हैं। रात्रि को यहां‘खड़ा दीया अनुष्ठान’संपन्न होगा, जिसमें संतान प्राप्ति की कामना करने वाले नि:संतान दंपत्ति भाग लेंगे। यह अनुष्ठान श्रीनगर की धार्मिक पहचान का अभिन्न हिस्सा है, जिसे देखने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है।

