श्रीनगर में संजय सिंह नजरबंद, फारूक अब्दुल्ला को भी मिलने से रोका गया, आखिर क्यों?

आप सांसद संजय सिंह को श्रीनगर में नजरबंद किया गया जब वे विधायक मेहराज मलिक की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस करने पहुंचे थे। पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को भी उनसे मिलने नहीं दिया गया। मलिक की गिरफ्तारी के विरोध में पूरे डोडा क्षेत्र में तनाव है और विरोध प्रदर्शन जारी हैं।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 11 September 2025, 4:32 PM IST
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Srinagar: आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को गुरुवार को उस समय नजरबंद कर दिया गया जब वे जम्मू-कश्मीर के डोडा से विधायक मेहराज मलिक की गिरफ्तारी के विरोध में श्रीनगर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने पहुंचे।

संजय सिंह को किया हाउस अरेस्ट

संजय सिंह ने बताया कि उन्हें और उनके साथियों को सरकारी गेस्ट हाउस में ही रोक दिया गया और मीडिया से बात करने की अनुमति नहीं दी गई। इस बीच जब पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को इस घटना की जानकारी मिली, तो वे संजय सिंह से मिलने पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें भी अंदर जाने से रोक दिया। बाद में संजय सिंह खुद गेट पर आकर उनसे मिले।

क्या है पूरा मामला?

आप विधायक मेहराज मलिक को 8 सितंबर 2025 को पब्लिक सिक्योरिटी एक्ट (PSA) के तहत गिरफ्तार किया गया। उन पर सार्वजनिक व्यवस्था भंग करने का आरोप है। गिरफ्तारी के बाद उन्हें कठुआ जिला जेल में भेज दिया गया। इस गिरफ्तारी के विरोध में पार्टी कार्यकर्ता और स्थानीय लोग लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।

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संजय सिंह का बयान

संजय सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा, "आज श्रीनगर में मेहराज मलिक की अवैध गिरफ्तारी के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस और धरना था। लेकिन सरकारी गेस्ट हाउस को पुलिस छावनी में बदल दिया गया है। हमें बाहर निकलने नहीं दिया जा रहा। ये लोकतंत्र नहीं, तानाशाही है।" उन्होंने यह भी कहा कि विरोध प्रदर्शन करना और सवाल उठाना संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों में शामिल है, जिसे सत्ता के डर से दबाया जा रहा है।

प्रदर्शन से तनावपूर्ण माहौल

मलिक की गिरफ्तारी के विरोध में डोडा, भद्रवाह, गंडोह और थाथरी में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। हालात बिगड़ते देख प्रशासन ने BNS की धारा 163 लागू कर दी, जिससे लोगों की आवाजाही पर रोक लगाई गई।

9 सितंबर को प्रदर्शनकारियों ने ‘डोडा चलो’ आंदोलन के तहत भाट्यास गांव से मार्च निकाला। जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो झड़प हो गई। पत्थरबाजी और आंसू गैस के बीच हालात बेकाबू हो गए। 10 सितंबर को और भी हिंसक झड़पें हुईं, जिसके बाद पुलिस ने 80 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया।

महिला कार्यकर्ता और पति के बीच बहस

डोडा की स्थिति पर AAP कार्यकर्ता फातिमा फारूक लाइव स्ट्रीम कर रही थीं, तभी उनके पति ने विरोध जताया और कैमरे के सामने ही उनके साथ बदसलूकी कीवीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इसके बाद पुलिस ने फातिमा और उनके पति दोनों को हिरासत में लिया। उन पर सरकारी आदेशों का उल्लंघन और घरेलू हिंसा जैसे आरोप लगे हैं।

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विपक्ष का सरकार पर हमला

AAP नेताओं ने भाजपा सरकार पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाया है। खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे “गुंडागर्दी” बताया है।

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