

रुद्रप्रयाग में लगातार मूसलाधार बारिश से बादल फटने और भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं। दर्जनों सड़कें बंद हैं, गांवों का संपर्क मुख्यालय से टूटा है। चारधाम यात्रा स्थगित, स्कूल बंद और सर्च ऑपरेशन भी बारिश से बाधित है।
रुद्रप्रयाग में बारिश बनी आफ
Rudraprayag: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद में पिछले कई दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। भूस्खलन, बादल फटने और मलवा आने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। जिले की तीन दर्जन से अधिक सड़कें बंद हो चुकी हैं, जिससे ग्रामीण इलाकों का संपर्क मुख्यालय से पूरी तरह कट गया है।
ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग और रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड मार्ग जैसे मुख्य चारधाम यात्रा मार्ग कई स्थानों पर बाधित हैं। मलवा, पुस्ते टूटने और पहाड़ी दरकने की वजह से इन मार्गों पर आवाजाही बेहद कठिन हो चुकी है।
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सिरोहबगड़, बांसबाड़ा और कुंड जैसे स्थानों पर सड़कें लगातार अवरुद्ध हो रही हैं। रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड मार्ग पर बांसबाड़ा में भारी भूस्खलन के कारण आज भी यातायात पूरी तरह ठप है। वाहन कई घंटों तक जाम में फंसे रहे और लोगों को खुले आसमान के नीचे रात बितानी पड़ी।
रुद्रप्रयाग में मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। भूस्खलन से दर्जनों सड़कें बंद, गांव मुख्यालय से कटे। चारधाम यात्रा 5 सितंबर तक रोकी गई, स्कूल बंद। श्रद्धालु जोखिम में, प्रशासन अलर्ट पर। #RudraprayagRain #CharDhamAlert #uttarakhandnews pic.twitter.com/GPg8J4alAl
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) September 2, 2025
मौसम विभाग की चेतावनी और प्रशासन के निर्देश पर चारधाम यात्रा को 5 सितंबर तक रोका गया है। इसके बावजूद देश के कोने-कोने से श्रद्धालु केदारनाथ यात्रा के लिए रुद्रप्रयाग पहुंच रहे हैं। पुलिस द्वारा जगह-जगह यात्रियों को रोका जा रहा है, लेकिन कई यात्री मानने को तैयार नहीं हैं। पुलिस के लिए यह बड़ी चुनौती बन चुकी है कि मार्ग खोलें या यात्रियों को नियंत्रित करें। यात्रा मार्गों पर लगातार लैंडस्लाइड हो रही है जिससे जान का खतरा बना हुआ है।
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केदारनाथ धाम में भी लगातार बारिश जारी है, जिससे तापमान में भारी गिरावट आई है। धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ तो है लेकिन ठंड और बारिश ने यात्रा को कठिन बना दिया है। श्रद्धालुओं का कहना है कि जो कल दर्शन के लिए पहुंचे, उन्हें भगवान के दर्शन मिल गए, लेकिन आज वहां पहुंचना मुश्किल हो चुका है।