

रुद्रप्रयाग के डुंगर गांव में भारी बारिश से भूस्खलन के बाद हालात बिगड़ गए। गांववासी घर छोड़ स्कूल में शरण ले रहे हैं। DDRF टीम ने 76 वर्षीय नर्मदा देवी को मुश्किल हालात में सुरक्षित स्कूल तक पहुंचाया। रास्ता पूरी तरह क्षतिग्रस्त है।
भूस्खलन से दहशत में डुंगर गांव
Rudraprayag: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने एक बार फिर लोगों को दहशत में डाल दिया है। मंगलवार को दोपहर करीब 11:45 बजे रुद्रप्रयाग स्थित आपदा नियंत्रण कक्ष को सूचना मिली कि बसुकेदार तहसील के डुंगर गांव में भारी वर्षा के चलते जमीन धंसने और भूस्खलन की स्थिति बन गई है।
इस आपदा से ग्रामीणों के घरों पर खतरा मंडराने लगा, जिसके कारण लोगों ने अपने घर खाली कर स्थानीय स्कूल में शरण ली। लेकिन भूस्खलन इतना भीषण था कि गांव से स्कूल तक का पैदल मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे कुछ लोगों को वहां तक पहुंचने में परेशानी होने लगी।
इसी बीच सूचना मिली कि गांव की एक 76 वर्षीय वृद्ध महिला अपने घर में फंसी हुई हैं और गांव का रास्ता टूट जाने की वजह से उन्हें स्कूल तक लाना नामुमकिन हो गया है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए DDRF (डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स) की टीम तत्काल मौके पर पहुंची। पूरी सावधानी और जोखिम उठाकर टीम ने वृद्धा को उनके घर से निकालकर सुरक्षित स्कूल भवन तक पहुंचाया।
पीड़ित महिला की पहचान नर्मदा देवी के रूप में हुई है, जिनकी उम्र 76 वर्ष है। वे बसुकेदार तहसील के डुंगर (बड़ेथ) गांव की निवासी हैं। उनके पति का नाम डोमा लाल है। लगातार बारिश और भूस्खलन के चलते गांव के हालात इतने खराब हो गए कि वे अपने घर में फंस गई थीं और चलने-फिरने में असमर्थ होने के कारण स्वयं सुरक्षित स्थान तक नहीं पहुंच सकीं।
गांव में भारी भूस्खलन से न केवल पैदल मार्ग टूट चुका है बल्कि मकानों और खेतों में भी दरारें आ चुकी हैं। ग्रामीणों को डर है कि यदि बारिश ऐसे ही जारी रही तो स्थिति और गंभीर हो सकती है। प्रशासन और राहत दल लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और जरूरतमंदों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा रहा है।
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जिला प्रशासन ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से घरों में न रुकें और जैसे ही स्थिति बिगड़ती हो, तत्काल नजदीकी राहत केंद्र में पहुंचें। साथ ही SDRF और DDRF की टीमें हर प्रभावित क्षेत्र में तैनात कर दी गई हैं।