

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में चतुर्थ सीमांत पर्वतीय बाल विज्ञान महोत्सव का उद्घाटन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया। कार्यक्रम में बाल वैज्ञानिकों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने नवाचार केंद्रों की स्थापना की घोषणा की।
चतुर्थ सीमांत पर्वतीय बाल विज्ञान महोत्सव का आयोजन
Rudraprayag: उत्तराखंड सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और उत्तराखण्ड विज्ञान एंव प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा आयोजित चतुर्थ सीमांत पर्वतीय बाल विज्ञान महोत्सव का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम राज्य स्तरीय 15 अक्टूबर को रुद्रप्रयाग जिले के पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय बणसू जाखधार गुप्तकाशी में हुआ। इस महोत्सव का उद्घाटन उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की गरिमामयी उपस्थिति में हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ। मुख्यमंत्री धामी ने बच्चों से संवाद किया और जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक जल संसाधन, आपदा प्रबंधन, विज्ञान, ऊर्जा संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने बच्चों के सवालों का समाधान किया और इस आयोजन को एक नई दिशा देने की बात की।
हल्द्वानी में सिटी बस सेवा शुरू, सीएम धामी ने हरी झंडी दिखाकर किया शुभारंभ
मुख्यमंत्री ने बाल वैज्ञानिकों से कहा कि इस महोत्सव से सीमांत जनपदों के बच्चों को नया दृष्टिकोण और बेहतर अवसर मिलेगा। उन्होंने बच्चों को अपने कार्यों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया। साथ ही, उन्होंने युकोस्ट की रुद्रप्रयाग डैशबोर्ड पुस्तक का विमोचन किया, जो जीआईएस आधारित रिमोट सिस्टम डैशबोर्ड है। इसमें विभिन्न विभागों की योजनाओं से जुड़ी सूचनाएँ एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होंगी।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान घोषणा की कि सीमांत जनपदों में नवाचार केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जहां आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य और शिक्षा से संबंधित प्रशिक्षण और जानकारी दी जाएगी। यह केंद्र बच्चों और युवाओं को सशक्त बनाने में मदद करेगा।
सीएम पुष्ककर सिंह धामी
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने पद्मश्री कल्याण सिंह रावत, उद्यमी इंद्र सिंह रावत, और सीमांत सेवा फाउंडेशन के डॉ. पाटनी को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया। इस आयोजन में कुल 238 बाल वैज्ञानिक भाग ले रहे हैं, जिनमें 90 लड़के और 148 लड़कियाँ शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को साझा किया, जिसमें उन्होंने कहा कि "नए भारत की गति और दिशा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के नवाचारों पर निर्भर करेगी।" उन्होंने विज्ञान की नई तकनीकों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत अंतरिक्ष सहित कई क्षेत्रों में अपनी शक्ति साबित कर रहा है।