Roorkee: दो दिन पहले संत रविदास धाम के संस्थापक योगेश पर हुए हमले को लेकर शहर में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। रविवार को सैकड़ों युवाओं ने सिविल लाइंस कोतवाली का घेराव करते हुए जोरदार प्रदर्शन किया। युवाओं ने आरोप लगाया कि पुलिस अब तक मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाई है, जबकि हमलावर खुलेआम घूम रहे हैं।
प्रदर्शनकारी युवाओं ने नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठकर आरोपितों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। उनका कहना था कि पुलिस की कार्रवाई बेहद धीमी और लचर है, जिससे लोगों में असंतोष बढ़ता जा रहा है।
क्या है मामला ?
शुक्रवार की शाम योगेश अपने दो साथियों के साथ हरिद्वार से रुड़की लौट रहे थे। जैसे ही उनकी कार मोंटफोर्ट कॉलेज के पास पहुंची, पीछे से आ रही दो गाड़ियों ने उनकी कार को ओवरटेक कर रोक लिया। इससे पहले कि योगेश कुछ समझ पाते, गाड़ियों से उतरे हमलावरों ने उन पर लोहे की रॉड और डंडों से हमला बोल दिया।
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हमले में योगेश के सिर पर गंभीर चोट आई, जबकि उनके साथ बैठे दो अन्य साथी भी घायल हो गए। मौके पर सड़क से गुजर रहे लोगों ने यह सब देख रुककर मदद करने की कोशिश की, लेकिन तब तक हमलावर धमकी देते हुए फरार हो गए।
अस्पताल के बाहर हंगामा
घटना की खबर मिलते ही योगेश के समर्थक और संत रविदास धाम के अनुयायी बड़ी संख्या में अस्पताल के बाहर इकट्ठा हो गए। उन्होंने आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए जमकर हंगामा किया। देखते ही देखते वहां भीड़ बढ़ गई और कुछ देर के लिए हरिद्वार रोड पर यातायात बाधित हो गया।
सूचना मिलने पर गंगनहर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और किसी तरह हालात को काबू में किया। पुलिस ने घायलों को सुरक्षित अस्पताल में भर्ती करवाया और भीड़ को शांत किया।
पुलिस जांच में जुटी
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। सीओ नरेंद्र पंत ने बताया कि पुलिस ने दो युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ की है। हालांकि अभी तक किसी भी पक्ष की ओर से औपचारिक तहरीर नहीं दी गई है।
सीओ ने कहा कि तहरीर मिलते ही आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। फिलहाल पुलिस घटना में शामिल अन्य लोगों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रही है।
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स्थानीयों में असंतोष
प्रदर्शन कर रहे युवाओं ने चेतावनी दी है कि अगर पुलिस जल्द कार्रवाई नहीं करती तो आंदोलन को और बड़ा रूप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि योगेश संत समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं, और उन पर हमला किसी व्यक्ति पर नहीं बल्कि समाज पर हमला है।
एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “हमलावरों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, इसलिए पुलिस जानबूझकर कार्रवाई नहीं कर रही।” लोगों ने मांग की कि घटना की जांच किसी वरिष्ठ अधिकारी से कराई जाए और दोषियों को जल्द गिरफ्तार किया जाए।

