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रामनगर मांस विवाद अब दिल्ली की राजनीति में उतर आया है। भाजपा नेताओं ने सांसद अनिल बलूनी से मुलाकात कर कहा कि पुलिस ने निर्दोष कार्यकर्ताओं को बलि का बकरा बनाया। क्या इस मामले में निष्पक्ष जांच होगी, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा।
रामनगर मांस विवाद दिल्ली तक पहुंचा (सोर्स- डाइनामाइट न्यूज़)
Nainital: रामनगर के मांस विवाद का मामला अब दिल्ली की दहलीज़ तक पहुँच गया है। भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने गढ़वाल सांसद एवं पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी से मुलाकात कर पूरे घटनाक्रम की शिकायत दर्ज कराई।
भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने सांसद से आग्रह किया कि निर्दोष कार्यकर्ताओं पर पुलिस द्वारा दर्ज मुकदमों की समीक्षा की जाए और मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित की जाए। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि पुलिस ने जल्दबाज़ी में कार्रवाई करते हुए कई युवाओं पर गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज कर दिए।
भाजपा नेताओं ने कहा कि कई युवा घटना स्थल पर केवल दर्शक के रूप में मौजूद थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें भी आरोपी बना दिया। कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया।
भाजपा के तीनों मंडल अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता जैसे पूर्व प्रदेश मंत्री राकेश नैनवाल, पूर्व भाजयुमो उपाध्यक्ष जगमोहन सिंह बिष्ट, नगर मंडल अध्यक्ष भूपेंद्र खाती, ग्रामीण मंडल अध्यक्ष घनश्याम शर्मा, बलदेव रावत, पूर्व नगर अध्यक्ष सत्यप्रकाश शर्मा सहित कई कार्यकर्ता इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल हुए।
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सांसद बलूनी ने प्रतिनिधिमंडल की बात ध्यानपूर्वक सुनी और भरोसा दिलाया कि मामले की जानकारी संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाई जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी निर्दोष व्यक्ति को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।
बलूनी ने भाजपा सरकार के सिद्धांत सबका साथ, सबका न्याय का हवाला देते हुए कहा कि अगर किसी स्तर पर गलत कार्रवाई हुई है, तो उसकी निष्पक्ष समीक्षा की जाएगी।
भाजपा नेताओं ने दर्ज कराई शिकायत (सोर्स- डाइनामाइट न्यूज़)
भाजपा नेताओं ने कहा कि उनका उद्देश्य किसी को बचाना नहीं, बल्कि सत्य को सामने लाना और निर्दोषों को न्याय दिलाना है। उन्होंने जोर दिया कि राजनीतिक रूप देने की कोशिश के बावजूद अधिकांश कार्यकर्ता कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील कर रहे थे।
प्रतिनिधिमंडल ने सांसद से आग्रह किया कि मामले में स्वयं हस्तक्षेप करें और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करें ताकि निर्दोषों को राहत मिल सके और वास्तविक दोषियों पर कार्रवाई हो।
रामनगर का यह विवाद अब केवल स्थानीय मामला नहीं रहा। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व तक पहुँचने के बाद यह स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में इस मामले में राजनीतिक मोड़ देखने को मिल सकता है।
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विशेषज्ञों का कहना है कि यदि सांसद और पार्टी नेतृत्व ने उचित कदम उठाए, तो यह मामला न्याय की दिशा में बदल सकता है। वहीं, अगर निष्पक्ष जांच नहीं हुई, तो इससे राजनीतिक तनाव और बढ़ सकता है।