

पौड़ी के कोटद्वार में जंगली मशरूम की सब्जी का सेवन करने से 7 नेपाली श्रमिकों की हालत खबर होने की खबर सामने आयी है।
कोटद्वार में सात नेपाली श्रमिकों की हालत बिगड़ी
पौड़ी: कोटद्वार के गुमाखाल में मंगलवार शाम को जंगली मशरूम की सब्जी खाने से एक महिला श्रमिक समेत सात नेपाली श्रमिकों की हालत बिगड़ गई। आनन-फानन में घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रिखणीखाल में प्राथमिक उपचार के लिए भर्ती कराया गया जहां सभी श्रमिकों की हालत ज्यादा गंभीर होने पर उन्हें बेस अस्पताल कोटद्वार में भर्ती कराया गया।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार घटना मंगलवार शाम कोटद्वार के गुमाखाल की है। समय रहते उपचार मिलने से उनकी जान बाल-बाल बच गई।
घायल नेपाली श्रमिक की पहचान नेपाल के जिला सुरखेत के गांव सिम्हाना निवासी ललिता (42), सुमन बहादुर (17) और गांव लेखफर्सा के धन बहादुर (53), लाल बहादुर (34), धनराज (42), धरम खत्री (52), वीरेंद्र (56) के रुप में हुई है।
जंगली मशरूम के सेवन से हालत बिगड़ी
जानकारी के अनुसार 20 से अधिक नेपाली मजदूर गुमखाल में एक होटल निर्माण कार्य में लगे हैं। मंगलवार शाम को काम से लौटने के बाद एक श्रमिक होटल के पीछे जंगल में उग आयी मशरूम लेकर आया और उसकी सब्जी बना ली। इस दौरान सभी श्रमिकों ने मिल बांटकर सब्जी का सेवन किया।
इस बीच भोजन करने के करीब एक घंटे बाद ही श्रमिकों की हालत बिगड़ने लगी। उल्टी-दस्त, पेट में दर्द, बेचैनी से त्रस्त श्रमिकों में चीख-पुकार मच गई। घटना के बाद अन्य श्रमिक उन्हें आनन-फानन में सीएचसी रिखणीखाल ले गए। वहां प्राथमिक उपचार के बाद भी हालत में सुधार नहीं होने पर तड़के चार बजे एंबुलेंस से सभी श्रमिकों को बेस अस्पताल भेजा गया। वहां दिन भर चले उपचार के बाद श्रमिकों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
नेपाल के जिला सुरखेत निवासी श्रमिक बड़ी संख्या में पौड़ी गढ़वाल के अलग-अलग क्षेत्रों में रहकर मजदूरी करते हैं। इसमें 20 से अधिक श्रमिक गुमखाल में एक होटल के निर्माण कार्य में लगे हैं।
जानकारी के अनुसार सभी घायल श्रमिकों की हालत अब खतरे से बाहर है।
इस बात का हमेशा रखें ध्यान
बता दें कि बरसात के मौसम में जंगलों में मशरूम के साथ फंगस भी उग आती है जो दिखने में मशरूम जैसे प्रतीत होती है। इसलिए जांच-परख के बाद ही इसका सेवन करना चाहिए अन्यथा यह जानलेवा हो सकती है।