

देहरादून स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर अब भाजपा विधायक विनोद चमोली ने भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कार्यों की गुणवत्ता पर चिंता जताते हुए थर्ड पार्टी ऑडिट की मांग की है। करोड़ों खर्च के बावजूद शहर में सुधार नहीं दिख रहा।
भाजपा विधायक विनोद चमोली
Dehradun: राजधानी देहरादून में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट शुरू से ही विवादों में बना हुआ है। विपक्षी दल इस प्रोजेक्ट की पारदर्शिता और निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर समय-समय पर सवाल उठाते रहे हैं। लेकिन अब इस योजना को लेकर सत्तारूढ़ दल के ही विधायक ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक विनोद चमोली ने स्मार्ट सिटी के अंतर्गत चल रहे कार्यों की गुणवत्ता और पारदर्शिता पर चिंता व्यक्त की है।
धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र स्वयं स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत आता है और विधायक चमोली पहले भी समय-समय पर निर्माण कार्यों में लापरवाही को लेकर अपनी असहमति जताते रहे हैं। एक बार फिर उन्होंने सरकार से इन कार्यों की जांच कराने की मांग की है। उनका कहना है कि करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद शहर की स्थिति में अपेक्षित सुधार नहीं दिख रहा है।
सड़कों, ड्रेनेज और अन्य सुविधाओं पर उठे सवाल
विधायक ने कहा कि देहरादून की सड़कों की हालत आज भी बदहाल है। ड्रेनेज सिस्टम अधूरा और अव्यवस्थित बना हुआ है, जिससे बरसात के दौरान जलभराव की समस्या उत्पन्न होती है। इसके अलावा अन्य आवश्यक सुविधाओं जैसे फुटपाथ, स्ट्रीट लाइट और ट्रैफिक प्रबंधन व्यवस्था में भी कोई खास सुधार नहीं हुआ है।
थर्ड पार्टी ऑडिट की मांग
विनोद चमोली ने स्पष्ट रूप से कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत हो रहे कार्यों की गुणवत्ता की जांच किसी थर्ड पार्टी एजेंसी से करवाई जानी चाहिए ताकि जनता के पैसों का सही उपयोग सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि अगर सब कुछ पारदर्शी और सही ढंग से हो रहा है तो जांच से डरने की कोई जरूरत नहीं है।
प्रशासन और सरकार की चुप्पी पर भी सवाल
इस पूरे मामले में अब सवाल यह भी उठ रहा है कि जब खुद सत्ता पक्ष का विधायक इन कार्यों पर सवाल उठा रहा है, तो प्रशासन और संबंधित अधिकारियों की ओर से अभी तक कोई ठोस प्रतिक्रिया क्यों नहीं आई। इससे पहले विपक्षी दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भी स्मार्ट सिटी के निर्माण कार्यों को भ्रष्टाचार और लापरवाही का उदाहरण बताते आए हैं। अब देखना होगा कि क्या सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से लेती है या फिर यह सवाल भी बाकी आरोपों की तरह अनसुना रह जाएगा।