Uttarakhand: हिमालयी महाकुंभ की जोरदार तैयारियां, नंदादेवी राजजात अध्ययन यात्रा का जगह-जगह भव्य स्वागत, जानिये इस बार की खास बातें

नंदा देवी राजजात यात्रा के जत्थे का नारायणबगड़ में स्वागत हुआ, जहां स्थानीय लोगों ने श्रद्धापूर्वक फूल मालाओं से उनका सम्मान किया। यह जत्था नंदा देवी राजजात यात्रा के पदचिन्हों का अध्ययन करने और उसकी स्थिति सुधारने के लिए यात्रा कर रहा है।

Post Published By: Tanya Chand
Updated : 13 September 2025, 5:14 PM IST
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Chamoli: नंदा देवी राजजात, जिसे हिमालयी महाकुंभ भी कहा जाता है, की यात्रा का जत्था भगोती पड़ाव से होते हुए आज नारायणबगड़ ब्लॉक मुख्यालय में पहुंचा। यहां पर स्थानीय लोगों ने पूरे श्रद्धा और सम्मान के साथ यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं और युवा जत्थे का गर्मजोशी से स्वागत किया। पुष्पमालाओं से स्वागत करने के साथ-साथ लोगों ने उनके साहस और संकल्प की सराहना की।

नौटी गांव से शुरू हुई अध्ययन यात्रा

6 सितंबर को उत्तराखंड के नौटी से शुरू हुई यह यात्रा नंदा देवी राजजात के विभिन्न पड़ावों से होते हुए स्थानीय लोगों से पौराणिक और ऐतिहासिक रीति-रिवाजों के महत्व की जानकारी प्राप्त करने का कार्य कर रही है। यह जत्था यात्रा के पैदल रास्तों, रात्रि विश्राम पड़ावों की स्थिति का भी अध्ययन कर रहा है। उनके अनुसार, इस सामाजिक अध्ययन के माध्यम से एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसे सरकार को सौंपा जाएगा ताकि यात्रा के लिए जरूरी सुधारों को समय रहते लागू किया जा सके।

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क्या है नंदा देवी राजजात यात्रा ?

नंदा देवी राजजात एक ऐतिहासिक और धार्मिक यात्रा है, जो हर बारह वर्षों में आयोजित की जाती है। यह यात्रा मां नंदा देवी के मायके से ससुराल कैलाश की ओर यात्रा करती है। इस यात्रा को ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टिकोण से विशेष महत्व प्राप्त है, जिसमें लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से हिस्सा लेते हैं। इस यात्रा के दौरान, स्थानीय लोग और श्रद्धालु नंदा देवी की पूजा अर्चना करते हैं, साथ ही पौराणिक कथाओं और परंपराओं का पालन करते हुए यात्रा करते हैं।

हर वर्ष होने वाली लोकजात यात्रा के साथ-साथ बारह वर्षों में होने वाली नंदा देवी राजजात यात्रा उत्तराखंड के सांस्कृतिक धरोहर का अहम हिस्सा बन चुकी है। इस यात्रा को एशिया की सबसे लंबी पैदल यात्रा के रूप में माना जाता है, जो न केवल धार्मिक महत्व की है, बल्कि एक अद्वितीय पर्वतारोहण और साहसिक यात्रा भी है।

यात्रा का उद्देश्य

यात्रा में शामिल युवक, जो इस समय नंदा देवी राजजात के विभिन्न पड़ावों का अध्ययन कर रहे हैं, स्थानीय रीति-रिवाजों, पर्यावरण और पर्यटन से संबंधित पहलुओं पर जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं। उनका उद्देश्य यात्रा के मार्गों और रात्रि विश्राम स्थानों की स्थिति का मूल्यांकन करना और सुधारों के लिए सुझाव देना है। इस कार्य को लेकर वे खुद को बेहद उत्साहित और प्रेरित महसूस कर रहे हैं।

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अध्ययन यात्रा पर भुवन नौटियाल का बयान

भुवन नौटियाल जो नंदा देवी राजजात यात्रा के महामंत्री हैं, ने नारायणबगड़ पहुंचकर इन युवाओं की हौसला अफजाई की। उन्होंने उन्हें हर तरह की मदद देने का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य न केवल धार्मिक आस्था को प्रगाढ़ करना है, बल्कि यात्रा के मार्गों की स्थिति, सुविधाओं और संभावित सुधारों की ओर भी ध्यान आकर्षित करना है।

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