

जानिए कौन-सा भारत का पहला हिल स्टेशन जिसे ‘पहाड़ों की रानी’ भी कहा जाता है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
मसूरी (सोर्स-इंटरनेट)
नई दिल्ली: भारत की भौगोलिक विविधता और प्राकृतिक सुंदरता दुनिया भर से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। ऊंचे पहाड़, गहरी घाटियां, हरियाली से सजे जंगल और हिमालय की गोद में बसे हिल स्टेशन देश के पर्यटन का अहम हिस्सा हैं। खासकर गर्मियों के मौसम में जब मैदानी इलाकों में गर्मी और उमस परेशान करती है, तो हिल स्टेशन लोगों के लिए राहत की जगह बन जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत का पहला हिल स्टेशन कौन सा था और इसकी खोज कैसे हुई? आइए जानते हैं इस ऐतिहासिक सफर के बारे में।
भारत का पहला हिल स्टेशन
भारत का पहला हिल स्टेशन मसूरी है, जिसे 'पहाड़ों की रानी' भी कहा जाता है। उत्तराखंड राज्य के देहरादून जिले में स्थित यह खूबसूरत जगह न सिर्फ अपने मनोरम दृश्यों के लिए मशहूर है, बल्कि इसका ऐतिहासिक महत्व भी कम नहीं है।
मसूरी की खोज कैसे हुई?
मसूरी की खोज 1820 में ब्रिटिश सैन्य अधिकारियों कैप्टन यंग और एफ.जे. शोर ने की थी। जब ये दोनों अधिकारी देहरादून और आसपास के इलाकों का दौरा कर रहे थे, तो उन्होंने मसूरी की हरी-भरी पहाड़ियों, ठंडी हवा और शांत वातावरण को देखकर यहीं बसने का फैसला किया। कैप्टन यंग ने यहां एक छोटा सा घर बनवाया और गर्मियों में समय बिताने लगे।
धीरे-धीरे मसूरी ब्रिटिश अधिकारियों और व्यापारियों के बीच लोकप्रिय हो गया और 1823 में इसे आधिकारिक तौर पर हिल स्टेशन घोषित कर दिया गया। उस समय यह जगह अंग्रेजों के लिए 'ग्रीष्मकालीन विश्राम स्थल' बन गई थी, जहां वे गर्मियों में आराम के पल बिताने आते थे।
मसूरी (सोर्स-इंटरनेट)
मसूरी का ऐतिहासिक महत्व
ब्रिटिश शासन के दौरान मसूरी में कई स्कूल, चर्च, क्लब और सार्वजनिक स्थान बनाए गए। मसूरी लाइब्रेरी, कैमल्स बैक रोड, गन हिल और लाल टिब्बा आज भी हमें उस ब्रिटिश काल की याद दिलाते हैं। इस दौरान वेलहम गर्ल्स स्कूल, वुडस्टॉक स्कूल और ओक ग्रोव स्कूल जैसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान भी स्थापित किए गए।
मसूरी आज भी उतना ही खास है
समय बदल गया है लेकिन मसूरी की खूबसूरती और आकर्षण आज भी वैसा ही है। हर साल लाखों पर्यटक ठंडी हवा, प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण का आनंद लेने के लिए यहां आते हैं। मसूरी के प्रमुख आकर्षणों में मॉल रोड, केम्प्टी फॉल्स, गन हिल, क्लाउड्स एंड और जॉर्ज एवरेस्ट हाउस शामिल हैं।
यहां ट्रैकिंग, नेचर वॉक, पैराग्लाइडिंग और फोटोग्राफी के भी बेहतरीन अवसर हैं। मसूरी परिवारों, जोड़ों और अकेले यात्रा करने वालों के लिए एक आदर्श स्थान है।