उत्तराखंड में एकीकृत बीएड डिग्री मुद्दे को लेकर शिक्षा मंत्री से मुलाकात, अब क्या करेंगे डॉ. धन सिंह रावत

उत्तराखंड में चार वर्षीय एकीकृत बीएड डिग्री को शिक्षक भर्ती में मान्यता दिलाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। भाजपा शिक्षक प्रकोष्ठ ने शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत से मुलाकात कर इस डिग्री को आवश्यक शैक्षिक योग्यता में शामिल करने की मांग की। मंत्री ने शिक्षा सचिव को इस पर तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

Dehradun: उत्तराखंड में चार वर्षीय एकीकृत बीएड डिग्री को शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में मान्यता दिलाने की मांग ने जोर पकड़ लिया है। सोमवार को भाजपा शिक्षक प्रकोष्ठ के प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत से मुलाकात की और इस संबंध में गंभीर चिंता जताई। प्रतिनिधिमंडल ने स्पष्ट किया कि यह कोर्स नई शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत शुरू किया गया है और इसे राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है, फिर भी उत्तराखंड की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में अभी तक इसे मान्य नहीं किया गया है।

मंत्री जी के सामने क्या-क्या मांग रखी?

इस अवसर पर प्रदेश संयोजक डॉ. प्रदीप त्यागी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल शिक्षा मंत्री के यमुना कॉलोनी स्थित शासकीय आवास पहुंचा और ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधियों ने बताया कि श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय, कुमाऊं विश्वविद्यालय सहित राज्य के कई सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों में इंटरमीडिएट के बाद चार वर्षीय एकीकृत बीएड पाठ्यक्रम जैसे बीए-बीएड, बीएससी-बीएड और बीकॉम-बीएड संचालित हो रहे हैं।

शिक्षण क्षेत्र में अवसर नहीं मिल रहे

प्रतिनिधिमंडल ने तर्क दिया कि जब केंद्र सरकार ने इस कोर्स को मान्यता दी है और देशभर में एनसीटीई (राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद) द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान इसे चला रहे हैं तो उत्तराखंड में इसे शिक्षक नियुक्तियों के लिए वैध क्यों नहीं माना जा रहा है? उन्होंने बताया कि इस डिग्री को प्राप्त कर चुके हजारों छात्र अपने भविष्य को लेकर असमंजस में हैं, क्योंकि उन्हें शिक्षण क्षेत्र में अवसर नहीं मिल रहे हैं।

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युवाओं का भविष्य सुरक्षित होगा

प्रतिनिधियों ने मंत्री से आग्रह किया कि इस डिग्री को राज्य सरकार द्वारा भी मान्यता दी जाए। जिससे युवाओं का भविष्य सुरक्षित हो सके और वे शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया में सम्मिलित हो सकें।

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने क्या कहा?

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने प्रतिनिधियों की बातों को गंभीरता से सुनते हुए आश्वासन दिया कि छात्रों की समस्याओं को अनदेखा नहीं किया जाएगा। उन्होंने विद्यालयी शिक्षा सचिव को निर्देशित किया कि इस मामले में शीघ्र आवश्यक कार्रवाई की जाए और छात्रों की चिंताओं का समाधान निकाला जाए।

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यह प्रतिनिधिमंडल मौजूद रहा

प्रतिनिधिमंडल में प्रमुख रूप से डॉ. अशोक आर्य, त्रिलोचन प्रसाद सेमवाल, प्रजापति नौटियाल, सुषमा बालियान, डॉ. मधु त्यागी, वीरेन्द्र प्रभु, सचिन त्यागी, अरविंद गौतम, अनुज आत्रेय और धर्मपाल सिंह शामिल थे।

Location : 
  • Uttarakhand

Published : 
  • 26 August 2025, 12:14 AM IST