Uttarakhand News: मयाली बाजार में भालू की खौफनाक गतिविधि, वन विभाग का गुप्त अलर्ट जारी

मयाली बाजार में भालू की संदिग्ध गतिविधि देखी गई, जिसके बाद वन विभाग ने तत्काल कदम उठाए। क्या भालू का खतरा बढ़ गया है? वन विभाग ने जन जागरूकता गोष्ठी आयोजित की, लेकिन क्या इससे संघर्ष की संभावनाओं को रोका जा सकेगा? जल्द जानें!

Post Published By: Tanya Chand
Updated : 7 December 2025, 3:35 PM IST
google-preferred

Rudraprayag: मयाली बाजार में भालू की गतिविधि पर वन विभाग ने अलर्ट जारी किया और जन जागरूकता गोष्ठी आयोजित की। व्यापार संघ के अध्यक्ष की उपस्थिति में ग्रामीणों और दुकानदारों को भालू से बचाव के उपायों के बारे में बताया गया। कूड़ा प्रबंधन, सुरक्षा उपाय और जानकारी के साथ प्रशासन ने स्थानीय नागरिकों को सतर्क किया।

भालू की गतिविधि पर वन विभाग का अलर्ट

दक्षिणी जखोली रेंज के लस्या बीट क्षेत्र के मयाली बाजार में भालू की गतिविधि देखे जाने के बाद वन विभाग ने तत्काल कदम उठाए। वन विभाग की टीम ने बाजार क्षेत्र में जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया ताकि स्थानीय नागरिकों को मानव-वन्यजीव संघर्ष, खासकर मानव-भालू संघर्ष, से बचने के उपायों के बारे में जानकारी दी जा सके। यह कार्यक्रम मयाली व्यापार संघ के अध्यक्ष की उपस्थिति में आयोजित किया गया।

रुद्रप्रयाग में भालू का हमला: फिटर भरत चौधरी की जान पर बन आई, पेड़ पर चढ़कर बचाई जिंदगी

जागरूकता गोष्ठी में बताए गए भालू से बचाव के उपाय

गोष्ठी में वन विभाग की टीम ने भालू द्वारा भोजन की तलाश में मानव बस्तियों के पास आने की संभावना को उजागर किया। उन्होंने बताया कि मयाली बाजार में कूड़ा-करकट का सही तरीके से निस्तारण न होने से जंगली जानवरों को आकर्षण होता है, जिससे मानव-भालू संघर्ष की संभावना बढ़ती है।

वन विभाग ने की जन जागरूकता गोष्ठी

इसलिए सभी दुकानदारों और स्थानीय नागरिकों से आग्रह किया गया कि वे अपने घरों और दुकानों के आसपास कूड़ा खुले में न रखें और निस्तारण की उचित व्यवस्था करें।

व्यापारी और स्थानीय नागरिकों से वन्यजीव संघर्ष पर विचार विमर्श

गोष्ठी के दौरान वन विभाग की टीम ने स्थानीय व्यापारियों और नागरिकों को यह भी बताया कि भालू के आक्रमण से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपायों की आवश्यकता है। इन उपायों में शाम और रात के समय अकेले न घूमने, बच्चों और बुजुर्गों की विशेष निगरानी रखने, और भालू दिखने या संदेहास्पद गतिविधि होने पर तुरंत वन विभाग को सूचित करने की अपील की गई।

Rudraprayag News: भालू की दहाड़ से गांव में दहशत, वन विभाग को पता चला तो उठाया ये कदम

मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने की कोशिश

गोष्ठी में उपस्थित लोगों को बताया गया कि इस प्रकार के संघर्षों को कम करने में स्थानीय नागरिकों की जागरूकता अहम भूमिका निभाती है। इसके लिए वन विभाग द्वारा भविष्य में भी इसी प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि मानव और वन्य जीवों का सह-अस्तित्व बना रहे और संघर्ष को न्यूनतम किया जा सके।

Location : 
  • Rudraprayag

Published : 
  • 7 December 2025, 3:35 PM IST