Rudraprayag News: भालू की दहाड़ से गांव में दहशत, वन विभाग को पता चला तो उठाया ये कदम

केदारघाटी के मैखण्डा गांव के जंगलों में तारों में फंसे भालू का वन विभाग ने रेस्क्यू किया। भालू को जंगल में छोड़ने पर ग्रामीणों ने आपत्ति जताई। मामले ने गांव में डर और सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं।

Post Published By: Tanya Chand
Updated : 22 November 2025, 4:35 PM IST
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Rudraprayag: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के विकासखंड ऊखीमठ की ग्राम पंचायत मैखण्डा में जंगलों में भालू फंसा हुआ पाया गया। स्थानीय ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी। भालू के फंसे होने की खबर से पूरे इलाके में डर का माहौल फैल गया। भालू की दहाड़ सुनकर ग्रामीण और आसपास के लोग भयभीत हो गए।

वन विभाग ने किया रेस्क्यू अभियान

सूचना मिलते ही वन विभाग ने भालू को पकड़ने का अभियान शुरू किया। रात के समय परिस्थिति चुनौतीपूर्ण होने के कारण वन विभाग ने सुरक्षित ढंग से भालू को पकड़ने और रेस्क्यू करने की योजना बनाई। भालू को झाड़ियों और तारों के बीच फंसा पाया गया, जिसे सुरक्षित निकालने के लिए विभाग की टीम ने पूरी सतर्कता बरती।

भालू को जंगल में छोड़ा गया

रेस्क्यू के बाद भालू को जंगल में वापस छोड़ दिया गया। वन विभाग का कहना है कि भालू को उसका प्राकृतिक आवास क्षेत्र में छोड़ना ही सही तरीका था ताकि वह सुरक्षित रह सके और आसपास के गांव में खतरा कम हो। वन विभाग ने ग्रामीणों को स्थिति समझाने का प्रयास भी किया।

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ग्रामीणों ने जताई आपत्ति

जंगल में फंसा भालू

भालू को जंगल में छोड़ने के बाद कुछ ग्रामीणों ने आपत्ति जताई। उनका कहना था कि भालू गांव के पास बार-बार आ सकता है और यह ग्रामीणों के लिए खतरे की स्थिति पैदा कर सकता है। उन्होंने वन विभाग से मांग की कि भालू को ऐसे क्षेत्र में छोड़ा जाए, जहां गांव और मानव बसावट से दूरी हो।

सुरक्षा और सावधानी की आवश्यकता

विशेषज्ञों का कहना है कि भालू और अन्य जंगली जानवरों का मानव क्षेत्र में प्रवेश आम है, लेकिन ग्रामीणों को सावधानी बरतनी चाहिए। घरों और खेतों के आसपास जंगली जानवरों के आने की संभावना को ध्यान में रखते हुए उचित सुरक्षा उपाय अपनाने चाहिए। वन विभाग ने भी ग्रामीणों को अलर्ट रहने और अनावश्यक निकटता से बचने की सलाह दी।

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वन विभाग का दृष्टिकोण

वन विभाग का मानना है कि भालू का रेस्क्यू और उसे जंगल में छोड़ना ही सबसे सुरक्षित विकल्प था। विभाग ने यह भी बताया कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए अधिक सतर्कता और त्वरित प्रतिक्रिया टीम तैयार की जाएगी। ग्रामीणों को भी वन विभाग की गाइडलाइन का पालन करना चाहिए।

Location : 
  • Rudraprayag

Published : 
  • 22 November 2025, 4:35 PM IST