Haridwar News: सुमननगर चौकी क्षेत्र में अवैध खनन का कार्य जोरों पर, प्रशासन क्यों है मौन?

हरिद्वार में खनन कार्य जोरो शोरो से चल रहा है, जिसके चलते लोग काफी परेशान है। ऐसे में प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाही नहीं हो रही है। यहां पढ़ें पूरी खबर

हरिद्वार: उत्तराखंड के हरिद्वार जिले से बड़ी खबर सामने आई है, जहां सुमननगर चौकी क्षेत्र में अवैध खनन का कारोबार बेखौफ तरीके से फल-फूल रहा है। बता दें कि प्रशासन की निगरानी के बावजूद खनन माफिया खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के मुताबिक बिना किसी अनुमति के दिन-रात मिट्टी, रेत और बजरी की ढुलाई जारी है, जिससे पर्यावरण को गंभीर क्षति पहुंच रही है और क्षेत्रीय लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

लोगों को हो रही है कई परेशानियां
बता दें कि इस को लेकर स्थानीय निवासियों का कहना है कि भारी-भरकम ट्रैक्टर-ट्रॉलियां और डंपर बिना नंबर प्लेट और ओवरलोड सामान के साथ दिनभर सड़क पर दौड़ते हैं। इससे जहां सड़कों की हालत बदतर हो गई है, वहीं राहगीरों और बच्चों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ गई है। इलाके में उड़ती धूल और मिट्टी के कारण लोगों को सांस की बीमारियों का भी खतरा बढ़ गया है।

नहीं हो रही है ठोस कार्रवाई
हालांकि, सुमननगर चौकी के अंतर्गत पुलिस गश्त और निगरानी की व्यवस्था है, लेकिन क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि कुछ अधिकारियों और खनन माफिया के बीच मिलीभगत के चलते यह गोरखधंधा बेधड़क जारी है।

तड़के सुबह होता है खनन कार्य
सूत्रों की मानें तो खनन कार्य रात्रि के समय और तड़के सुबह के वक्त सबसे ज्यादा होता है, ताकि प्रशासन की नजरों से बचा जा सके। कई बार ग्रामीणों द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बावजूद कार्रवाई के नाम पर केवल कागजी खानापूर्ति होती है।

पर्यावरणविदों ने प्रशासन को चेताया
वहीं पर्यावरणविदों ने चेताया है कि यदि अवैध खनन पर जल्द रोक नहीं लगाई गई तो इसका सीधा प्रभाव गंगा और उसकी सहायक नदियों पर पड़ेगा। इससे भूगर्भ जलस्तर में गिरावट और बाढ़ जैसी आपदाओं का खतरा और भी बढ़ सकता है।

अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन और खनन विभाग इस गंभीर मुद्दे को कब तक नजरअंदाज करते रहेंगे। स्थानीय लोगों ने उच्च अधिकारियों से अवैध खनन पर सख्त कार्रवाई की मांग की है, ताकि क्षेत्र की प्राकृतिक संपदा और जनजीवन को सुरक्षित रखा जा सके।

Location : 
  • Haridwar

Published : 
  • 25 June 2025, 10:06 AM IST