

जनपद में कार्यसंस्कृति को सुधारने और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने शनिवार को अपने कार्यालय स्थित विभिन्न विभागों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति, कार्य प्रणाली और अभिलेखों के रखरखाव की स्थिति का गहनता से जायजा लिया।
Haridwar: जनपद में कार्यसंस्कृति को सुधारने और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने शनिवार को अपने कार्यालय स्थित विभिन्न विभागों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति, कार्य प्रणाली और अभिलेखों के रखरखाव की स्थिति का गहनता से जायजा लिया।
जानकारी के अनुसार निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी को कई कर्मचारी बिना पूर्व अनुमति के अनुपस्थित मिले। इस पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने संबंधित कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। वहीं भूमि अध्यापक कार्यालय में लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे आमीन की सेवा समाप्त करने की प्रक्रिया तत्काल शुरू करने के निर्देश भी दिए गए।
कर्मचारियों की समयबद्ध उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए जिलाधिकारी ने सभी के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य कर दी है। साथ ही ए-ऑफिस प्रणाली के माध्यम से पत्रावलियों का संरक्षण सुनिश्चित करने को कहा गया है ताकि केवल विशेष परिस्थिति में ही ऑफलाइन दस्तावेज स्वीकार किए जाएं।
जिलाधिकारी ने चकबंदी और खतौनी कक्ष में सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश देते हुए कहा कि इससे आम जनता को पारदर्शी और उत्तरदायी सेवाएं मिल सकेंगी। आमजन की समस्याओं के त्वरित निस्तारण पर विशेष जोर देते हुए सभी पटेल सहायकों और कर्मचारियों के लिए आईडी कार्ड और नेम प्लेट अनिवार्य रूप से निर्गत करने के निर्देश दिए गए हैं।
कार्यालय में रखी पुरानी अलमारियों, मशीनों और फर्नीचर को अनुपयोगी घोषित करने के लिए एक समिति गठित करने के आदेश भी जिलाधिकारी ने दिए हैं। इसके अलावा प्रत्येक 15 दिन में पटल निरीक्षण करने की जिम्मेदारी मुख्य प्रशासनिक अधिकारी आशीष वर्मा को सौंपी गई है।
निरीक्षण के दौरान अपर जिलाधिकारी दीपेंद्र सिंह नेगी, खिंचाराम चौहान, सुरेश कुमार, आशीष वर्मा समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। जिलाधिकारी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कार्य संस्कृति में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और पारदर्शिता एवं जवाबदेही से कोई समझौता नहीं होगा।
उनके इस कड़े कदम से कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है और माना जा रहा है कि इससे सरकारी कार्यों में गति और पारदर्शिता दोनों को नया आयाम मिलेगा।