Haridwar News: ड्रग्स माफियाओं पर बड़ी कार्रवाई, मेडिकल स्टोर्स और कंपनियों की जांच

हरिद्वार में प्रशासनिक स्तर पर सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। अपर आयुक्त के निर्देश पर ड्रग्स कंट्रोल विभाग की संयुक्त टीम ने बुधवार को कनखल, हरिद्वार और आसपास के क्षेत्रों में स्थित मेडिकल स्टोर्स, होलसेल प्रतिष्ठानों और दवा निर्माण कंपनियों का औचक निरीक्षण किया। टीम ने अलग-अलग स्थानों पर जाकर दवा विक्रेताओं और निर्माताओं के रिकॉर्ड, लाइसेंस और स्टॉक की बारीकी से जांच की।

Post Published By: Rohit Goyal
Updated : 14 August 2025, 10:15 PM IST
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Haridwar: ड्रग्स माफियाओं और अवैध दवा कारोबार पर नकेल कसने के लिए हरिद्वार में प्रशासनिक स्तर पर सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। अपर आयुक्त के निर्देश पर ड्रग्स कंट्रोल विभाग की संयुक्त टीम ने बुधवार को कनखल, हरिद्वार और आसपास के क्षेत्रों में स्थित मेडिकल स्टोर्स, होलसेल प्रतिष्ठानों और दवा निर्माण कंपनियों का औचक निरीक्षण किया।

निरीक्षण टीम में वरिष्ठ औषधि निरीक्षक श्रीमती अनीता भारती, औषधि निरीक्षक श्री हरि सिंह और कुमारी मेधा के साथ केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) के निरीक्षक भी शामिल थे। टीम ने अलग-अलग स्थानों पर जाकर दवा विक्रेताओं और निर्माताओं के रिकॉर्ड, लाइसेंस और स्टॉक की बारीकी से जांच की।

निरीक्षण के दौरान कुछ प्रतिष्ठानों में अनियमितताएं पाई गईं। कई दुकानों पर बिना पंजीकृत फार्मासिस्ट के दवाओं की बिक्री, लाइसेंस में बदलाव की सूचना न देना और स्टॉक रजिस्टर अपडेट न करना जैसी कमियां सामने आईं। इस पर संचालकों को तत्काल सुधार के लिए सख्त निर्देश दिए गए। टीम ने स्पष्ट किया कि बिना पंजीकृत फार्मासिस्ट के दवाओं का क्रय-विक्रय पूरी तरह प्रतिबंधित है।

विभाग ने यह भी आदेश दिया कि लाइसेंस में किसी भी प्रकार का परिवर्तन—चाहे वह कंपिटेंट पर्सन हो या पता परिवर्तन—की सूचना पहले से ड्रग्स विभाग को देना अनिवार्य है। बिना अनुमति के किए गए किसी भी बदलाव को नियमों का उल्लंघन माना जाएगा और उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

निरीक्षण के दौरान नारकोटिक (नशीली) और साइकोट्रॉपिक (मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डालने वाली) दवाओं के निर्माण व वितरण पर विशेष फोकस किया गया। विभाग ने साफ कहा कि ऐसी दवाओं का निर्माण करने वाली कंपनियों पर नियमों के अनुरूप कड़ी निगरानी और समय-समय पर जांच जारी रहेगी, ताकि इनका दुरुपयोग न हो।

ड्रग्स कंट्रोल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह अभियान आगे भी चलता रहेगा। लक्ष्य न केवल अवैध दवा कारोबार पर रोक लगाना है, बल्कि दवा कारोबार को पूरी तरह से कानून और मानक नियमों के दायरे में लाना भी है। उन्होंने जनता से भी अपील की कि किसी भी संदिग्ध दवा बिक्री या अवैध स्टॉक की जानकारी तुरंत विभाग को दें, ताकि समय पर कार्रवाई की जा सके।

इस सख्त कार्रवाई से साफ है कि हरिद्वार प्रशासन अब ड्रग्स माफियाओं और नियम तोड़ने वाले मेडिकल कारोबारियों को किसी भी कीमत पर बख्शने के मूड में नहीं है।

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