

हरिद्वार के बहादराबाद क्षेत्र में मृत व्यक्ति के नाम पर फर्जी रसीद बनाकर जमीन हड़पने की साजिश का खुलासा हुआ। जिसके बाद संत समाज और ग्रामीणों में भारी रोष है। पूरा मामला जानने के लिए पढ़ें ये खबर
हरिद्वार में जमीन घोटाला उजागर
Haridwar: बहादराबाद क्षेत्र के शांतरशाह गांव में जमीन हड़पने की एक सनसनीखेज साजिश का पर्दाफाश हुआ है। बता दें कि इस मामले में मृत महंत के नाम पर फर्जी रसीद तैयार कर जमीन पर कब्जा करने का प्रयास किया गया। पूरे प्रकरण से न केवल स्थानीय लोग सकते में हैं बल्कि संत समाज में भी गहरा आक्रोश व्याप्त है।
जानकारी के अनुसार, गांव के ही तेजपाल सिंह व उनके बेटे अजय, तेज प्रताप और रविंद्र पर आरोप है कि उन्होंने संगठित तरीके से जमीन हड़पने की कोशिश की। बताया जा रहा है कि आरोपियों ने महंत राजेंद्र दास के नाम से 23 जून 2004 की एक रसीद बनाई। लेकिन इस रसीद की सच्चाई सामने आने पर सनसनी फैल गई, क्योंकि दस्तावेज में जिन महंत राजेंद्र दास का नाम दर्ज है, उनका निधन इससे पांच महीने पहले यानी 23 जनवरी 2004 को ही हो चुका था। इससे स्पष्ट है कि यह रसीद पूरी तरह फर्जी और जालसाजी का हिस्सा है।
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महंत जोगेंद्र दास ने इस मामले को अदालत में उजागर किया है। उनका कहना है कि आरोपियों ने सोची-समझी साजिश के तहत गांव की जमीन पर कब्जा जमाने का प्रयास किया। यह न सिर्फ धोखाधड़ी का मामला है बल्कि धार्मिक आस्थाओं और संत परंपरा के साथ भी गंभीर खिलवाड़ है।
सोर्स- इंटरनेट
ग्रामीणों और संत समाज ने मांग की है कि इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा न जाए। लोगों का कहना है कि यह मामला आम धोखाधड़ी नहीं, बल्कि संगठित अपराध है जिससे समाज में गलत संदेश जा रहा है। यदि समय रहते इस तरह के कारनामों पर अंकुश न लगाया गया तो दबंगों के हौसले और बढ़ सकते हैं।
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घटना के बाद से क्षेत्र में भारी रोष है। ग्रामीणों ने साफ कहा है कि आरोपी चाहे जितने प्रभावशाली क्यों न हों, उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए। लोग प्रशासन और पुलिस से तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे हैं ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति इस तरह की जालसाजी करने की हिम्मत न जुटा सके। अब देखना यह होगा कि कानून का शिकंजा इन दबंगों पर कितनी जल्दी कसता है और क्या पीड़ित पक्ष को न्याय मिल पाता है। जनता की आवाज स्पष्ट है जालसाजों को जेल भेजो, गांव की जमीन बचाओ।