

उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) ने सोमवार को हरिद्वार में डामकोठी स्थित जिला प्रशासन कार्यालय में कावड़ यात्रा की व्यवस्थाओं की समीक्षा बैठक ली।
राज्यपाल ने किया कावड़ यात्री का स्वागत
Haridwar: श्रावण मास में कावड़ यात्रा के मध्यनजर उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) ने सोमवार को हरिद्वार में डामकोठी स्थित जिला प्रशासन कार्यालय में कावड़ यात्रा की व्यवस्थाओं की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान उन्होंने यात्रा मार्ग, सुरक्षा प्रबंधन, यातायात व्यवस्था और सफाई व्यवस्था सहित सभी पहलुओं की विस्तृत जानकारी ली और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
राज्यपाल ने कहा कि कावड़ यात्रा आस्था, भक्ति और सेवा का अद्वितीय संगम है। उन्होंने कहा कि यह दुर्लभ अवसर है जब लाखों श्रद्धालु देवभूमि उत्तराखंड पहुंचते हैं और प्रशासन का दायित्व है कि सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित, सुविधाजनक और स्मरणीय अनुभव मिले। राज्यपाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यात्रा मार्ग में किसी भी समस्या का त्वरित समाधान किया जाए और किसी भी तरह की ढिलाई न बरती जाए।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष महज 15 दिनों में करीब 4 करोड़ से अधिक श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचे थे, जो अपने आप में बड़ी चुनौती और सौभाग्य दोनों है। इस बार भी भारी संख्या में कांवड़ियों के आगमन को देखते हुए प्रशासन और पुलिस को हर मोर्चे पर तैयार रहना होगा। राज्यपाल ने कांवड़ियों को प्रेरणा का स्रोत बताया और कहा कि उनके चेहरों पर थकावट नहीं बल्कि संकल्प और श्रद्धा का तेज दिखाई देता है।
राज्यपाल ने यह भी सुझाव दिया कि कावड़ यात्रा पर आधारित एक कॉफी टेबल बुक 2025 तैयार की जाए, जिसमें इस यात्रा की आस्था, चुनौतियां और व्यवस्थाओं को सुंदर तरीके से समेटा जाए। उन्होंने कहा कि इस यात्रा से प्राप्त अनुभव भविष्य में 2027 में होने वाले महाकुंभ की तैयारियों के लिए भी अहम साबित होगा।
इस अवसर पर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक परमेंद्र सिंह डोभाल, एसपी सिटी पंकज गैरोला, एसपी जितेन चौधरी समेत कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। एसपी जितेन चौधरी ने यात्रा मार्ग, यातायात प्रबंधन और सुरक्षा इंतजामों पर विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया।
राज्यपाल ने बावर्ची सुरेश रावत को भी प्रोत्साहित किया, जो हजारों श्रद्धालुओं के लिए भंडारे का संचालन कर रहे हैं। राज्यपाल ने कहा कि प्रशासन, पुलिस और समाजसेवियों के सामूहिक प्रयास से ही कावड़ यात्रा जैसे बड़े आयोजन को सफलतापूर्वक संचालित किया जा सकता है। उन्होंने श्रद्धालुओं से भी अपील की कि अपनी क्षमता से अधिक भार न उठाएं और यात्रा को सुरक्षित व सहज बनाने में प्रशासन का सहयोग करें।