Haridwar: ज्वालापुर में ड्रग्स विभाग की छापेमारी, एक होलसेल परिसर सील

हरिद्वार के आर्य नगर और ज्वालापुर क्षेत्र में औषधि कारोबार को लेकर ड्रग्स कंट्रोल विभाग ने सख्ती बढ़ा दी है। अपर आयुक्त के स्पष्ट निर्देश के तहत वरिष्ठ ड्रग इंस्पेक्टर श्रीमती अनीता भारती के नेतृत्व में ड्रग इंस्पेक्टर श्री हरि सिंह और कुमारी मेघा की संयुक्त टीम ने शुक्रवार को औचक निरीक्षण अभियान चलाया। इस दौरान टीम ने क्षेत्र के कई होलसेल विक्रेताओं के परिसरों की गहन जांच की और औषधि भंडारण एवं बिक्री से जुड़ी व्यवस्थाओं का भौतिक सत्यापन किया। इस कार्रवाई से दवा कारोबारियों में हडकंप मचा हुआ है।

Post Published By: Jay Chauhan
Updated : 19 July 2025, 10:52 PM IST
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Haridwar: हरिद्वार के आर्य नगर और ज्वालापुर क्षेत्र में औषधि कारोबार को लेकर ड्रग्स कंट्रोल विभाग ने सख्ती बढ़ा दी है। अपर आयुक्त के स्पष्ट निर्देश के तहत वरिष्ठ ड्रग इंस्पेक्टर श्रीमती अनीता भारती के नेतृत्व में ड्रग इंस्पेक्टर श्री हरि सिंह और कुमारी मेघा की संयुक्त टीम ने शुक्रवार को औचक निरीक्षण अभियान चलाया। इस दौरान टीम ने क्षेत्र के कई होलसेल विक्रेताओं के परिसरों की गहन जांच की और औषधि भंडारण एवं बिक्री से जुड़ी व्यवस्थाओं का भौतिक सत्यापन किया।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार निरीक्षण के दौरान यह खुलासा हुआ कि कुछ विक्रेता लाइसेंस प्राप्त करने के बाद परिसर को बंद कर देते हैं और ऐसे बंद परिसरों में दवाओं का दुरुपयोग होने की संभावना बनी रहती है। इसे रोकने के लिए विभाग ने अब सभी लाइसेंसधारी होलसेल और रिटेल कारोबारियों के परिसरों का अनिवार्य रूप से सत्यापन करने के आदेश जारी किए हैं।

ड्रग विभाग ने विक्रेताओं को सख्त चेतावनी दी है कि लाइसेंस जिस परिसर के लिए जारी किया गया है, दवाओं का भंडारण केवल वहीं किया जाएगा। किसी अन्य स्थान पर भंडारण पाया गया तो औषधि अधिनियम 1940 के तहत कड़ी कार्रवाई होगी।

टीम ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी प्रतिष्ठान में कंबटेंट पर्सन या पार्टनर में बदलाव किया जाना है तो इसकी पूर्व सूचना विभाग को देना अनिवार्य होगा। बिना अनुमति परिवर्तन पाए जाने पर लाइसेंस रद्द करने की चेतावनी दी गई है। निरीक्षण के दौरान टीम ने नारकोटिक औषधियों से जुड़े दस्तावेजों की भी गहन जांच की और उनके सुरक्षित प्रबंधन के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिए।

निरीक्षण के दौरान एक होलसेल परिसर में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं, जिसके चलते उसे तत्काल प्रभाव से सील कर दिया गया। ड्रग विभाग ने साफ किया कि भविष्य में भी ऐसे औचक निरीक्षण लगातार चलते रहेंगे।

उल्लंघन की स्थिति में दोषियों पर औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 एवं नियमावली 1945 के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने कारोबारियों से अपील की है कि वे नियमों का कड़ाई से पालन करें और औषधि वितरण व्यवस्था को पारदर्शी बनाए रखें, ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोका जा सके।

 

 

 

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