

हरिद्वार में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति की समस्या को सुनकर तत्काल निर्णय लिया। अब अंत्योदय योजना का राशन पीड़ित को उसके घर तक पहुंचाया जाएगा। यह प्रशासनिक संवेदनशीलता और त्वरित निर्णय क्षमता का आदर्श उदाहरण बना।
यादवेंद्र राज सिंह से बातचीत करते डीएम मयूर दीक्षित
Haridwar: हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित द्वारा शुक्रवार को उप-जिला मेला चिकित्सालय का निरीक्षण किया गया। जहां उन्होंने चिकित्सा सेवाओं का जायजा लेने के साथ-साथ जनता से सीधे संवाद भी किया। इस दौरान एक ऐसा मानवीय पल सामने आया। जिसके बाद हर कोई उनकी तारीफ कर रहा है।
यादवेंद्र राज सिंह ने सुनाया अपना दर्द
निरीक्षण के समय बहादराबाद निवासी यादवेंद्र राज सिंह से डीएम ने मुकालात की। दरअसल, यादवेंद्र राज सिंह रीढ़ की गंभीर बीमारी के कारण पूरी तरह से अशक्त हैं। यादवेंद्र ने बताया कि उन्हें अंत्योदय योजना के तहत राशन मिलना तय है, लेकिन वे अपनी शारीरिक असमर्थता के कारण सस्ते गल्ले की दुकान तक नहीं जा सकते।
फौरन लिया गया फैसला, घर तक पहुंचेगा राशन
पीड़ित की बात सुनकर जिलाधिकारी ने मामले को अत्यंत गंभीरता से लिया। तुरंत ही जिला आपूर्ति अधिकारी को फोन पर निर्देश दिए कि यादवेंद्र राज सिंह को स्थानीय डीलर के माध्यम से राशन उनके घर पर ही उपलब्ध कराया जाए। यह निर्णय सिर्फ एक पीड़ित के लिए राहत नहीं, बल्कि प्रशासनिक जवाबदेही और मानवीय दृष्टिकोण का प्रेरक उदाहरण बन गया। मौके पर उपस्थित आम नागरिकों ने जिलाधिकारी की इस कार्यशैली की खुलकर सराहना की।
“ऐसे अधिकारी जनता की उम्मीद बनते हैं”
मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों ने कहा कि जिलाधिकारी की यह संवेदनशीलता न केवल प्रशंसनीय है, बल्कि इस बात का संकेत भी देती है कि प्रशासन अगर चाहे तो छोटी से छोटी समस्या का समाधान तत्काल किया जा सकता है।
लोगों का यह भी कहना था कि ऐसे अधिकारी प्रशासन को जनता के और करीब ले आते हैं। इससे जन विश्वास मजबूत होता है।