

उत्तराखंड के पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत ने गैरसैंण में आयोजित हो रहे विधानसभा सत्र को लेकर सरकार और विपक्ष दोनों पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सत्र सिर्फ औपचारिकता है और जनता के साथ धोखा किया जा रहा है।
गैरसैंण में सत्र सिर्फ दिखावा, जनता से धोखा: हरक सिंह रावत
Gairsain: जैसा कि आप सभी जानते हैं कि उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र 19 अगस्त से 22 अगस्त तक गैरसैंण स्थित भराड़ीसैंण विधानसभा में आयोजित किया जा रहा है। हालांकि, सत्र से पहले ही विपक्ष लगातार सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग करता जा रहा है। वहीं अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने गैरसैंण में सत्र कराए जाने को लेकर तीखा हमला बोला है।
हरक सिंह रावत का बड़ा आरोप: गैरसैंण के नाम पर सिर्फ दिखावा
हरक सिंह रावत ने कहा कि जब मैं सच बोलता हूं तो बहुतों को दिक्कत होती है। गैरसैंण में सत्र कराना जनता के साथ धोखा है। विपक्ष और पक्ष दोनों मिलकर केवल तीन दिन में सत्र निपटा देते हैं और उसके बाद हेलीकॉप्टर का इंतज़ार करते हैं कि कब यहां से भागा जाए।
पूर्व मंत्री ने यह भी कहा कि गैरसैंण में केवल विधायकों और मंत्रियों के लिए सुविधाएं होती हैं, जबकि कर्मचारियों के लिए कोई पर्याप्त इंतज़ाम नहीं होते। इससे साफ होता है कि गैरसैंण को केवल प्रतीकात्मक तौर पर प्रयोग किया जा रहा है, ना कि उसे राजधानी जैसा दर्जा देने की नीयत से।
सरकार की तैयारियों पर विपक्ष को ऐतराज
जहां सरकार ने दावा किया है कि गैरसैंण में सत्र के लिए तमाम व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं, वहीं हरक सिंह रावत ने इन दावों को नकारते हुए व्यवस्थाओं को 'सिर्फ दिखावा' बताया। उन्होंने कहा कि संसाधनों की कमी और सुविधाओं का अभाव इस सत्र को औपचारिकता भर बनाता है।
सरकार की ओर से की गई तैयारियां
सरकारी स्तर पर गैरसैंण सत्र के लिए व्यापक तैयारियां की गई हैं। जिला अधिकारी संदीप तिवारी ने खुद स्थलीय निरीक्षण कर व्यवस्थाओं की समीक्षा की। विधानसभा परिसर से लेकर आसपास के क्षेत्रों तक बैरिकेडिंग की गई है, सुरक्षा के लिए पुलिस बल और पीएसी के जवान तैनात किए गए हैं। संवेदनशील स्थानों पर CCTV कैमरे लगाए गए हैं।
साथ ही यातायात व्यवस्था दुरुस्त की गई है, सड़कों की मरम्मत, हेलीपैड का रखरखाव, और जनप्रतिनिधियों के लिए पार्किंग, आवास, स्वास्थ्य, पेयजल, विद्युत आपूर्ति, इंटरनेट, वाई-फाई जैसी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं। प्रशासन ने यह भी दावा किया है कि पूरे सत्र के दौरान लगातार निगरानी रखी जाएगी ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
सुबोध उनियाल को सौंपी गई संसदीय कार्य मंत्री की जिम्मेदारी
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद संसदीय कार्य मंत्री का पद खाली चल रहा था। अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल को यह जिम्मेदारी सौंपी है। उनके ऊपर सत्र के सुचारु संचालन की बड़ी जिम्मेदारी होगी।