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उत्तराखंड में आई हालिया भीषण आपदा ने जहां सैकड़ों परिवारों को गहरे दुख में डुबो दिया है, वहीं इस कठिन समय में ज्वालापुर के विशाल एनक्लेव, सीतापुर में रविवार को आयोजित भव्य सुंदरकांड पाठ ने लोगों को हौसला और उम्मीद की रोशनी दी। श्रद्धा और संवेदना से ओतप्रोत इस आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए और हनुमान जी के चरणों में सामूहिक प्रार्थना कर संकटमोचन से राहत और संबल की याचना की।
सुंदरकांड पाठ में उमड़ा जनसैलाब
Haridwar: उत्तराखंड में आई हालिया भीषण आपदा ने जहां सैकड़ों परिवारों को गहरे दुख में डुबो दिया है, वहीं इस कठिन समय में ज्वालापुर के विशाल एनक्लेव, सीतापुर में रविवार को आयोजित भव्य सुंदरकांड पाठ ने लोगों को हौसला और उम्मीद की रोशनी दी। श्रद्धा और संवेदना से ओतप्रोत इस आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए और हनुमान जी के चरणों में सामूहिक प्रार्थना कर संकटमोचन से राहत और संबल की याचना की।
कार्यक्रम की शुरुआत मंगलाचरण और हनुमान चालीसा के पाठ से हुई। इसके बाद श्रद्धालुओं ने पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ 68 दोहों और चौपाइयों के माध्यम से सुंदरकांड का सामूहिक पाठ किया। इस दौरान ‘जय बजरंग बली’ और ‘संकट मोचन हनुमान’ जैसे गगनभेदी जयकारों ने माहौल को गूंजायमान कर दिया। आयोजन स्थल भक्ति, करुणा और सकारात्मक ऊर्जा से भर गया।
पाठ के मध्य में एक विशेष हवन और मंत्रोच्चार का भी आयोजन किया गया, जिसमें विशेष रूप से आपदा प्रभावित परिवारों के मानसिक बल, साहस और पुनर्निर्माण के लिए प्रार्थना की गई। यह आध्यात्मिक अनुभूति उन लोगों के लिए एक प्रकार की सांत्वना थी, जिन्होंने अपने प्रियजनों और जीवन की बुनियाद को इस आपदा में खो दिया।
सुंदरकांड पाठ के उपरांत भजन संध्या का आयोजन किया गया, जिसमें स्थानीय भजन मंडलियों ने ‘श्रीराम जय राम जय जय राम’ और अन्य भजनों से वातावरण को भावविभोर कर दिया। भजन संध्या के दौरान एक 2 मिनट का मौन भी रखा गया, जिसमें आपदा में दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए श्रद्धांजलि दी गई।
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कार्यक्रम का समापन प्रसाद वितरण और भंडारे के साथ हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं ने एकजुट होकर प्रसाद ग्रहण किया। आयोजकों ने इस अवसर पर संदेश दिया कि "संकट की घड़ी में आस्था और एकजुटता ही सबसे बड़ी शक्ति होती है।" उन्होंने कहा कि समाज जब धर्म और मानवता के साथ खड़ा होता है, तब हर संकट का सामना किया जा सकता है।
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श्रद्धालुओं का विश्वास है कि हनुमान जी की कृपा और समाज के सहयोग से प्रभावित परिवार जल्दी ही इस अंधकार से बाहर निकलकर फिर से अपने जीवन को संवार पाएंगे।
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