

देहरादून में एक इंस्पेक्टर पिता द्वारा अपनी ही पत्नी और बेटे को लाइसेंसी बंदूक से धमकाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पीड़ित विकास घिल्डियाल ने मंगलवार को जिलाधिकारी सोनिका बंसल के जनता दरबार में अपनी व्यथा सुनाई।
जिलाधिकारी सोनिका बंसल
Dehradun: देहरादून में एक इंस्पेक्टर पिता द्वारा अपनी ही पत्नी और बेटे को लाइसेंसी बंदूक से धमकाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पीड़ित विकास घिल्डियाल ने मंगलवार को जिलाधिकारी सोनिका बंसल के जनता दरबार में अपनी व्यथा सुनाई। विकास ने बताया कि उसके पिता, जो कि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) में इंस्पेक्टर हैं, पारिवारिक विवादों के चलते अकसर उस पर और उसकी मां पर लाइसेंसी हथियार तान देते हैं और जान से मारने की धमकी देते हैं।
शिकायत सुनते ही जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत सख्त कदम उठाया। उन्होंने विशेषाधिकार का प्रयोग कर मौके पर ही आरोपी इंस्पेक्टर का शस्त्र लाइसेंस निलंबित कर दिया। डीएम ने पुलिस अधीक्षक को आदेश दिया कि आरोपी के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्यवाही शुरू की जाए और हथियार थाने में जमा कराया जाए। उन्होंने साफ कहा कि शस्त्र लाइसेंस किसी को भी अपनी मनमानी करने की छूट नहीं देता, बल्कि यह जिम्मेदारी के साथ कानूनन सीमाओं में रहकर ही इस्तेमाल किया जा सकता है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार जिलाधिकारी बंसल ने कहा कि जब किसी हथियार का उपयोग परिवार की सुरक्षा के बजाय डर का माहौल बनाने में होने लगे तो प्रशासन का दायित्व है कि तत्काल सख्त कदम उठाए। उन्होंने इस निर्णय से यह संदेश भी दिया कि कानून से बड़ा कोई नहीं है और कोई भी सरकारी ओहदा या लाइसेंसी हथियार इस जिम्मेदारी से मुक्त नहीं कर सकता।
डीएम ने जिले में शस्त्र लाइसेंस धारकों को भी चेताया कि यदि किसी ने अपनी जिम्मेदारी का पालन नहीं किया और हथियार का दुरुपयोग किया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई तय है।
इस कार्रवाई से पीड़ित मां-बेटे को बड़ी राहत मिली है। विकास घिल्डियाल और उसकी मां ने प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अब उन्हें अपने ही घर में भय के साए में नहीं रहना पड़ेगा। प्रशासन की तत्परता से समाज में यह मजबूत संदेश गया है कि घरेलू हिंसा या किसी भी प्रकार की जबरदस्ती बर्दाश्त नहीं की जाएगी, चाहे आरोपी कोई भी क्यों न हो।
जिला प्रशासन ने सभी नागरिकों से अपील की है कि यदि कहीं भी इस तरह के मामले सामने आते हैं तो बिना हिचक शिकायत करें, ताकि पीड़ितों को समय रहते न्याय और सुरक्षा मिल सके।