हिंदी
देहरादून के डोईवाला में भी छठ महापर्व को लेकर धूम देखी गई। सॉन्ग नदी तट श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा। सभी श्रद्धालुओं ने उत्साह और भक्ति के साथ ढलते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। इस दौरान घाटों का वातावरण भक्तिमय बना रहा और छठ माता की जय के जयकारों से इलाका गूंज उठा।
श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया छठ महापर्व
Dehradun: डोईवाला के सॉन्ग नदी के तट सोमवार शाम को छठ माता की जयकारों से गूंज उठा। छठ पर्व के तीसरे दिन सैकड़ों श्रद्धालुओं ने उत्साह और भक्ति के साथ ढलते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। यह पवित्र अनुष्ठान बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक परंपराओं का अभिन्न हिस्सा है, जो अब उत्तराखंड में भी पूरे जोश के साथ मनाया जा रहा है।
देहरादून: डोईवाला में घाटों पर उमड़ा श्रद्धा का सैलाब, श्रद्धालुओं ने डूबते सूर्य को दिया अर्घ्य, बताया इसका महत्व
➡️छठ मइया के गीतों से घाट हुए गुंजायमान
➡️व्रती महिलाओं ने ढलते सूर्य को अर्घ्य देकर सुख समृद्धि की कामना की
➡️लोक आस्था के महापर्व छठ के महत्व के बारे में… pic.twitter.com/IdKMzUc0Et— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) October 27, 2025
सॉन्ग नदी का तट आज शाम रंग-बिरंगी साड़ियों और पारंपरिक परिधानों में सजे श्रद्धालुओं से गुलजार रहा। भक्तों ने नदी के किनारे बांस की टोकरियों में दूध, फल, ठेकुआ, और अन्य प्रसाद सजाकर सूर्य देव को अर्घ्य दिया। इस दौरान "उग हो सूरज देव" और "केलवा जे फरेला घवद से" जैसे छठ गीतों ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
स्थानीय निवासी ने कहा कि सॉन्ग नदी का शांत और स्वच्छ वातावरण इस पवित्र अनुष्ठान के लिए आदर्श है। हर साल यहां श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है, जो हमारी सांस्कृतिक एकता को दर्शाता है।" बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी ने इस अनुष्ठान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
डूबते सूर्य को अर्घ्य देती वर्ती महिलाएं
प्रशासन ने भी इस अवसर पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए। नदी तट पर बैरिकेडिंग, लाइटिंग और सफाई कर्मचारियों की तैनाती की गई थी। स्थानीय पुलिस और स्वयंसेवकों ने भीड़ प्रबंधन में सहयोग किया। एक श्रद्धालु, ने बताया, "प्रशासन की व्यवस्था सराहनीय थी, जिससे हमें बिना किसी परेशानी के पूजा करने का अवसर मिला।"
छठ पर्व का समापन कल, 28 अक्टूबर को सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ होगा। इस दौरान श्रद्धालु फिर से सॉन्ग नदी तट पर एकत्र होंगे और चार दिवसीय इस कठिन व्रत को पूर्ण करेंगे। यह पर्व न केवल सूर्य और प्रकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता है, बल्कि परिवार और समुदाय के बीच एकता को भी मजबूत करता है।
अपने परिवार की सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और शांति की कामना करती वर्ती महिलाएं
स्थानीय लोगों का कहना है कि डोईवाला में छठ पूजा की लोकप्रियता हर साल बढ़ रही है, और सॉन्ग नदी का तट अब इस पर्व का प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है।
छठ पर्व के अवसर पर पूरे क्षेत्र में धार्मिक उल्लास और भक्ति का माहौल देखने को मिला। महिलाओं की आस्था और अनुशासन ने इस पर्व की पवित्रता को और भी उज्जवल बना दिया। मंगलवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर व्रत संपन्न होगा और इसी के साथ चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन होगा।